हावड़ा. शहर के सबसे पुराने और व्यस्त ब्रिजों में से एक बंगाल बाबू ब्रिज की स्थिति चिंताजनक हो गयी है. पुल के एक हिस्से में गंभीर दरारें आने के बाद बुधवार को जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों ने ब्रिज का निरीक्षण किया. सुरक्षा को देखते हुए भारी मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है.
मध्य व उत्तर हावड़ा को जोड़ता है 90 साल पुराना यह ब्रिज
बंगाल बाबू ब्रिज, जिसे चांदमारी ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, लगभग 90 वर्ष पुराना है और हावड़ा के मध्य और उत्तर हिस्सों को जोड़ता है. यह ब्रिज हावड़ा मैदान के फांसीतला चौराहे से गुलमोहर चौराहे तक फैला है और दिनभर हजारों वाहन इस पर से गुजरते हैं.दरारों से दहशत, तुरंत घेराबंदी कर शुरू हुई मरम्मत
मंगलवार को पुल के दाहिनी ओर सड़क व फुटपाथ पर बड़ी दरारें देखी गयीं. इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस हिस्से को रेलिंग से घेर दिया और सुरक्षा बल तैनात कर दिये. लोक निर्माण विभाग के अनुसार, पुल में लगभग 40 फीट लंबी दरार है और दाहिना हिस्सा थोड़ा धंस चुका है. इसके मद्देनजर नीचे से सीट पाइलिंग कर दी गयी है और गार्डवॉल के पुनर्निर्माण की योजना बनायी गयी है.भारी वाहन प्रतिबंधित, छोटी गाड़ियों को राहत
ब्रिज की स्थिति को देखते हुए ट्रक व टैंकर जैसे भारी वाहनों की आवाजाही पर पहले से ही आंशिक रोक थी, जिसे अब और कड़ा किया गया है. छोटी गाड़ियां जैसे कार और ऑटो अब भी पुल से गुजर सकेंगी.जिम्मेदारी को लेकर रेलवे व नगर निगम हैं आमने-सामने
ब्रिज की खराब हालत को लेकर हावड़ा नगर निगम के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने रेलवे पर रख-रखाव में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, हावड़ा रेलवे मंडल के डीआरएम विशाल कपूर ने स्पष्ट किया कि यह हिस्सा राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, लेकिन रेलवे मरम्मत कार्य में हरसंभव सहयोग करेगा.नया चांदमारी ब्रिज बन रहा है विकल्प
डीआरएम विशाल कपूर ने बताया कि पुराने ब्रिज के पास ही एक नया चार लेन का केबल-स्टेड ओवरब्रिज बन रहा है, जो विद्यासागर सेतु की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है. काम तेजी से चल रहा है और पूरा होते ही आम लोगों के लिए खोल दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

