हुगली. चुंचुड़ा में शमीक भट्टाचार्य ने मुर्शिदाबाद की घटना पर राज्य सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर हुमायूं कबीर के विवादित बयान का समय पर खंडन करतीं, तो शायद यह स्थिति नहीं आती. भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रही, बल्कि प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठा रही है. उग्र हिंदुत्व पर शमीक ने कहा कि केवल उग्र होने से कुछ नहीं होता, मानवता और नैतिकता जरूरी है. हिंदुत्व जीवन की स्वतंत्रता और अस्तित्व की चेतना है, कोई राजनीतिक वाद नहीं. शुभेंदु अधिकारी पर लगे आरोपों को उन्होंने झूठ बताया. हुमायूं कबीर के बयानों को चुनौती देते हुए उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को गंभीरता से लागू करने की आवश्यकता बतायी. उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए पार्थ भौमिक से विशेष शिविर आयोजित करने का आग्रह किया. पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्र से सवाल करते हुए शमीक ने कहा कि आतंकियों को मारने के साथ-साथ उनकी मानसिकता को भी खत्म करना होगा. बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव को लेकर उन्होंने कहा कि कोई गंभीर समस्या नहीं है. दीघा के जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का विसर्जन बंगाल की खाड़ी में ही होगा. उन्होंने मुर्शिदाबाद की विधवा महिला के न्याय मांगने के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा कि हत्यारों को जलेबी खिलाने की संस्कृति नहीं चलेगी. राज्य के बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर भी उन्होंने तंज कसा और चेतावनी दी कि लोकतांत्रिक स्वर को दबाने पर जनता जवाब देगी.
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