हल्दिया.
पूर्व मेदिनीपुर के कांथी देशप्राण ब्लॉक के पूर्व आमतलिया गांव में दो बार पंचायत सदस्य रह चुकीं सुषमा रानी मंडल की सोमवार रात आकस्मिक मृत्यु से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी. परिजनों का दावा है कि हाल में एसआइआर प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न तकनीकी गड़बड़ी और उससे पैदा हुए तनाव ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया था. जानकारी के अनुसार, हाल ही में जब एसआइआर का नाम फॉर्म आया, तो सुषमा रानी मंडल के नाम के साथ जुड़ा क्यूआर कोड मिलान नहीं हो रहा था. यह त्रुटि उन्हें बेहद चिंतित कर गयी. परिजनों का आरोप है कि वह पिछले कुछ दिनों से आशंका में थीं कि कहीं उनका नाम सूची से हट न जाये. इस डर से वह मानसिक अवसाद में चली गयीं. मृतका के पति प्रसून मंडल ने बताया कि फॉर्म जमा करने के बाद जब बीएलओ ने उन्हें बुलाकर कहा कि नाम और क्यूआर कोड मेल नहीं खा रहा, तो उन्होंने कई बार प्रयास किया. दोनों बीएलओ के घर भी गये, लेकिन समस्या हल नहीं हुई. प्रसून ने बताया, “वह लगातार डरी हुई थीं. कहती थीं कि मैं दो बार की पंचायत सदस्य रही, फिर भी मेरा नाम नहीं रहेगा तो यह कैसा एसआइआर है?” स्थिति गंभीर होती देख वे पंचायत प्रधान के पास पहुंचे. प्रधान ने उन्हें आश्वस्त किया कि सुषमा रानी का नाम 2002 की सूची में मौजूद है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है और समस्या जल्द हल हो जायेगी. लेकिन आश्वासन के बावजूद सुषमा रानी तनाव से उबर नहीं सकीं. परिवार का आरोप है कि इसी भय और मानसिक दबाव के कारण वह सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से चल बसीं. जिला प्रशासन की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

