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चुनाव आयोग ने एसआइआर का समय एक सप्ताह के लिए बढ़ाया

चुनाव आयोग ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में जारी मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया के पूरे कार्यक्रम को रविवार को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया.

अब 14 फरवरी को प्रकाशित होगी अंतिम मतदाता सूची

गणना प्रपत्र वितरण अब चार दिसंबर के बजाय 11 दिसंबर तक जारी रहेगा

मसौदा मतदाता सूची अब नौ दिसंबर की जगह 16 दिसंबर को प्रकाशित की जायेगी

संवाददाता, कोलकाता

चुनाव आयोग ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में जारी मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया के पूरे कार्यक्रम को रविवार को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया. आयोग ने यह कदम विपक्षी दलों के इन आरोपों के बीच उठाया कि ‘कम समय-सीमा’ लोगों और जमीनी स्तर के चुनाव अधिकारियों के लिए समस्याएं पैदा कर रही हैं. निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि गणना प्रपत्र वितरण अब चार दिसंबर के बजाय 11 दिसंबर तक जारी रहेगा. मसौदा मतदाता सूची अब नौ दिसंबर की जगह 16 दिसंबर को प्रकाशित की जायेगी, जबकि अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी के स्थान पर 14 फरवरी 2026 को जारी की जायेगी.

अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आंतरिक चर्चा के आधार पर एसआइआर के सभी चरणों की समय-सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है जहां यह प्रक्रिया जारी है. विपक्षी दलों ने एसआइआर के दौरान कम से कम 40 बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की मौत होने का दावा करते हुए, मतदाता सूची में संशोधन के समय पर सवाल उठाया है.

उन्होंने दावा किया किया इनमें से ज्यादातार ने ‘कम समय सीमा’ होने के कारण तनाव में आकर आत्महत्या की. हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है.

गौरतलब है कि एसआइआर कार्यक्रम में बदलाव का फैसला सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर लिया गया है. पिछले सत्र में विपक्ष द्वारा एसआइआर पर चर्चा की मांग के कारण संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई थी. उस समय बिहार में एसआइआर की कवायद की जा रही थी. रविवार को सर्वदलीय बैठक से बाहर आते हुए, विपक्षी नेताओं ने सत्र के सुचारू संचालन पर कहा कि वे एसआआर पर चर्चा के लिए दबाव डालेंगे.

निर्वाचन आयोग ने 27 अक्तूबर को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआइआर की घोषणा की थी. लगभग 51 करोड़ मतदाता इस कवायद के दायरे में आयेंगे. ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं — अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल.

इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे. असम में, जहां 2026 में चुनाव होने हैं, मतदाता सूची के संशोधन की घोषणा अलग से की गयी है. इसे ‘विशेष संशोधन’ कहा जा रहा है.अधिकांश राज्यों ने मतदाता सूची का पिछला एसआइआर 2002 और 2004 के बीच किया था, और उन्होंने अपने-अपने राज्यों में हुए पिछले एसआइआर के अनुसार वर्तमान मतदाताओं की ‘मैपिंग’ लगभग पूरी कर ली है.

मतदाताओं की ‘मैपिंग’ से तात्पर्य वर्तमान मतदाताओं को मतदाता सूची में उनकी पिछली प्रविष्टियों से जोड़ने, पते का सत्यापन करने तथा बूथ स्तरीय अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन के माध्यम से विसंगतियों को ठीक करने की प्रक्रिया से है. एसआइआर का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्मस्थान की जांच करके उन्हें मतदाता सूची से बाहर करना है. यह कदम विभिन्न राज्यों में रह रहे बांग्लादेश और म्यांमा के अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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