संवाददाता, कोलकाता
राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कार्यवाही में कथित रूप से बाधा डालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. विधानसभा का विशेष सत्र दूसरे राज्यों में बांग्ला भाषी श्रमिकों के कथित उत्पीड़न के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुलाया गया है. मंगलवार को बांग्ला भाषी प्रवासियों के कथित उत्पीड़न का निंदा प्रस्ताव सदन में पेश किया गया. इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भारी हंगामा हुआ. भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों से जुड़े निंदा प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शुभेंदु अधिकारी सदन कक्ष में खड़े होकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को कथित तौर पर भारतीय सेना के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए टोका. इस दौरान अधिकारी के साथ अन्य भाजपा विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाये और मांग की कि शिक्षा मंत्री बसु की टिप्पणियों को दर्ज यानी रिकॉर्ड नहीं किया जाये. उनकी इस मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया.अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा: भाषण में बार-बार बाधा डालने और अपनी सीट छोड़ कर खड़े होने के कारण मैं आपको (शुभेंदु अधिकारी) दिनभर के लिए निलंबित करने के लिए बाध्य हूं. इस पर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने मेज थपथपाकर इसका समर्थन किया. अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों को सदन कक्ष से बाहर निकालने के लिए विधानसभा के मार्शल को निर्देश भी दिया.पर, भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में खुद नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गये. इससे पहले विपक्षी विधायक सदन में नारे लगाने लगे. हमें यह तुष्टीकरण समर्थक ममता सरकार नहीं चाहिए, ‘शर्म करो, शर्म करो’ के नारे लगाये गये.
विधानसभा में उठा मेयो रोड का मामला, हंगामा
शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु निंदा प्रस्ताव को लेकर बांग्ला भाषा और बंगालियों पर हो रहे कथित अत्याचार पर भाषण दे रहे थे. अपने भाषण के अंत में उन्होंने मेयो रोड की घटना का जिक्र किया. जहां सेना द्वारा तृणमूल कांग्रेस के मंच को हटा दिया गया है. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने 1971 का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सोमवार को सेना ने बांग्ला भाषा का मंच तोड़ दिया, ठीक वैसे ही जैसे 25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश में तोड़फोड़ की थी. भाषा आंदोलनकारियों पर हमला किया गया था. यह सुनते ही शुभेंदु अधिकारी खड़े हो गये. उनके साथ अन्य भाजपा विधायक नारे लगाने लगे. अधिकारी लगातार भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. इस दौरान ब्रात्य बसु और शुभेंदु अधिकारी के बीच वाकयुद्ध भी हुआ. इसके बाद, मंत्री अरूप विश्वास स्पीकर के पास जाकर कुछ कहते नजर आये. तभी स्पीकर बिमान बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया. भाजपा ने विरोध में वॉकआउट किया. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद श्री अधिकारी ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि मुझे निलंबित कर दिया गया, क्योंकि मैंने ब्रात्य बसु की भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का विरोध किया था. हम चाहते हैं कि उन टिप्पणियों को विधानसभा की रिकॉर्ड से हटा दिया जाये.
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