इडी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से धोखाधड़ी द्वारा हासिल की गयी संपत्तियों में से करीब 169.47 करोड़ रुपये मूल्य की अटैच संपत्तियों को बैंक को वापस सौंपा
संवाददाता, कोलकाताप्रवर्तन निदेशालय (इडी) कोलकाता जोनल कार्यालय ने मेसर्स प्रकाश वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर-डायरेक्टर मनोज कुमार जैन से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता हासिल की है. इडी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से धोखाधड़ी द्वारा हासिल की गयी संपत्तियों में से करीब 169.47 करोड़ रुपये मूल्य की अटैच संपत्तियों को बैंक को वापस सौंपा. जांच में पता चला कि कंपनी ने फर्जी दस्तावेज और बढ़े हुए वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंक से क्रेडिट सुविधा ली और फिर बड़ी राशि को अवैध रूप से अन्य जगह स्थानांतरित कर दी. इस कारण सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को कुल 234.57 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत जांच शुरू की और पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़ में कुल 199.67 करोड़ रुपये की संपत्तियों को चार अस्थायी अटैचमेंट आदेशों के तहत जब्त किया, जिन्हें बाद में एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पुष्टि की. बैंक के हितों की रक्षा और सार्वजनिक धन की वसूली सुनिश्चित करने के लिए इडी ने बैंक अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं. इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने संपत्तियों की वापसी के लिए आवेदन किया. अदालत ने 28 नवंबर को इडी की सहमति याचिका पर अटैच संपत्तियों को बैंक को सौंपने की अनुमति दी. बैंक द्वारा नये सिरे से किये गये मूल्यांकन में अटैच संपत्तियों का मूल्य करीब 169.47 करोड़ रुपये पाया गया. यह फैसला सार्वजनिक धन की वसूली और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ कड़े रुख का महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

