कहा- कन्याश्री, लक्खी और रूपश्री जैसी योजनाओं को मिली वैश्विक सराहना कोलकाता. सीआइआइ इंडियन वीमेन नेटवर्क (आइडब्ल्यूएन) पश्चिम बंगाल ने शनिवार को अपना पांचवां लीडरप्रेन्योरशिप वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल की उद्योग, वाणिज्य और उद्यम मामलों की मंत्री डॉ शशि पांजा उपस्थित रहीं. विशिष्ट अतिथियों में रामकृष्ण संप्रदाय के साधु, न्यूयॉर्क स्थित वेदांत सोसाइटी के पदाधिकारी और आध्यात्मिक गुरु स्वामी सर्वप्रियानंद महाराज, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार एवं पश्चिम बंगाल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन आलापन बंद्योपाध्याय तथा नारायणा हेल्थ के ग्रुप सीओओ आर वेंकटेश शामिल थे. अपने संबोधन में डॉ शशि पांजा ने कहा कि भारत और विशेषकर बंगाल की महिलाएं अनेक चुनौतियों के बावजूद अद्भुत नेतृत्व क्षमता और दृढ़ता का परिचय देती रही हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में मौजूद हैं. चाहे नेतृत्व के अग्रिम मंच पर हों या पर्दे के पीछे महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हों. डॉ पांजा ने पश्चिम बंगाल सरकार की महिला व बालिका उत्थान संबंधी महत्वपूर्ण योजनाओं कन्याश्री, लक्खी भंडार और रूपश्री का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक प्रशंसा मिली है. लक्खी भंडार योजना के बारे में उन्होंने कहा कि जिसे कभी आलोचना का सामना करना पड़ा था, आज वही योजना यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआइ) का एक प्रभावी मॉडल मानी जा रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक सुरक्षा महिलाओं, विशेषकर गृहिणियों के सशक्तीकरण का सबसे मजबूत आधार है. बाल अधिकार, पोषण और मानव विकास सूचकांक पर बात करते हुए डॉ पांजा ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे.
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