हल्दिया.
केंद्र व राज्य सरकार के बीच जारी तनातनी के बावजूद बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू हो रही है. बुधवार से इसकी तैयारियां तेज कर दी गयीं. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय में उत्तर बंगाल के पांच जिलों को छोड़ कर बाकी सभी जिलों के जिलाधिकारियों, ईआरओ और एईआरओ अधिकारियों के साथ उप मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश भारती ने बैठक की. इसके बाद गुरुवार को पूर्व मेदिनीपुर के कोलाघाट स्थित बलाका मंच में पूर्व मेदिनीपुर, झाड़ग्राम और बांकुड़ा जिलों के अधिकारियों और बीएलओ कर्मियों के साथ समीक्षा बैठक हुई. बैठक में तीनों जिलों के 500 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) उपस्थित थे. पूर्व मेदिनीपुर से 200, झाड़ग्राम से 150 और बांकुड़ा से 150 बीएलओ थे. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि वर्ष 2002 की मतदाता सूची के साथ 2025 की मतदाता सूची का सामंजस्य किस हद तक है. आयोग के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक करीब 40 प्रतिशत कार्य शेष है, जिसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं. श्री भारती ने कहा : एसआइआर पूरे देश के लिए है, सिर्फ पश्चिम बंगाल के लिए ही नहीं. अगर यह प्रक्रिया यहां देर से चलेगी, तो पूरे देश में इसकी गति प्रभावित होगी. इसलिए इसे जल्द से जल्द शुरू करना होगा. सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि अधिसूचना जारी होने के बाद मोबाइल एप के माध्यम से फील्ड में डाटा अपलोड किया जाये, ताकि पारदर्शिता बनी रहे. बैठक में आयोग की आइटी विभाग की डीजी सीमा खन्ना ने बीएलओ कर्मियों से तकनीकी प्रशिक्षण और एप्लिकेशन के इस्तेमाल को लेकर फीडबैक लिया. उन्होंने बताया कि अब जब बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी सत्यापित करेंगे, तो वे ईआरओनेट एप के जरिये उसी समय सारी जानकारी दर्ज करेंगे, जिसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग आयोग करेगा.बिहार में एसआइआर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब सवाल यह है कि क्या बंगाल में भी यही ‘बिहार मॉडल’ अपनाया जायेगा. आयोग ने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची भी जारी की है, जैसे जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, सरकारी पहचान पत्र, भूमि दस्तावेज या पेंशन आदेश आदि. जिनके पास ये दस्तावेज हैं, उनके नामांकन में कोई कठिनाई नहीं होगी. फिलहाल आयोग का लक्ष्य है कि एसआइआर प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बना कर जल्द पूरा किया जाये, ताकि राज्य में आगामी चुनावों का रास्ता साफ हो सके.
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