हुगली
. नागरिक सेवाओं सहित विभिन्न मांगों को लेकर उत्तरपाड़ा नगरपालिका में माकपा ने विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया. राज्य समिति की सदस्य मीनाक्षी मुखोपाध्याय के नेतृत्व में कार्यकर्ता उत्तरपाड़ा स्टेशन से रैली निकालते हुए नगरपालिका कार्यालय पहुंचे और वहां धरना-सभा आयोजित हुआ. सभा को संबोधित करते हुए मीनाक्षी मुखोपाध्याय ने कहा कि एसआइआर एक प्रशासनिक प्रक्रिया थी, लेकिन इसे राजनीतिक और चुनावी काम में बदल दिया गया है, जिससे आम लोग चिंतित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. सरकारी कर्मचारियों पर दबाव का आरोप : उन्होंने कहा कि इतने बड़े काम में लगाये गये कर्मियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति के प्रति सरकार और चुनाव आयोग को संवेदनशील होना चाहिए. पहले चुनाव आयोग मृत मतदाताओं के नाम हटाने, डबल एंट्री रोकने और सही जगह नाम दर्ज करने का नियमित काम करता था, लेकिन अब जिस तरह दबाव डालकर सरकारी कर्मचारियों से यह कार्य कराया जा रहा है, उससे सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे. उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि सबसे वंचित वर्ग के लिए बनाये गये मानदंडों को पूरा करना गंभीर चुनौती है.मीनाक्षी मुखोपाध्याय ने कहा कि लोग अपने बुनियादी अधिकारों की रक्षा के लिए आज भी लाल झंडे के पास आते हैं और माकपा जनता के साथ खड़ी है. 29 नवंबर से 17 दिसंबर तक तूफानगंज से कामरहाटी तक ‘बंगाल बचाओ यात्रा’ निकाली जायेगी. उन्होंने पूछा कि 2002 में भी एसआइआर हुआ था, तब ऐसी अस्थिरता क्यों नहीं थी. सीएए–एनआरसी के बाद संविधान को दरकिनार कर एसआइआर लागू किया जा रहा है, इसलिए जनता का सवाल उठाना स्वाभाविक है.
केंद्र पर नीतिगत असफलता का आरोपउन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा दुरुस्त नहीं है और केंद्र की भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारियों में असफल रही है. केवल अनुव्रत ही नहीं, कई स्तरों पर तस्करी हुई है, जिसका वैज्ञानिक मूल्यांकन जरूरी है. कई लोग डर और असहायता के कारण इस प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं. मीनाक्षी मुखोपाध्याय ने आरोप लगाया कि भारतीय संविधान के कई प्रावधानों का सही उपयोग न तो भाजपा सरकार करती है और न ही तृणमूल सरकार. चुनावी लाभ के लिए एसआइआर लागू किया जा रहा है. माकपा की ओर से स्पष्ट किया गया कि किसी भी वैध मतदाता का नाम कटने नहीं दिया जायेगा.
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