सीएम ने कहा : अपने दम पर ग्रामीण लोगों को रोजगार मुहैया करायेगी राज्य सरकार
संवाददाता, कोलकातामुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 100 दिन की रोजगार योजना के लिए केंद्र सरकार के नये पात्रता मानदंड का विरोध किया. उन्होंने कूचबिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) विरोधी रैली को संबोधित करते हुए मामले में केंद्र की नयी शर्तों का विरोध करते हुए केंद्र के पत्र की प्रति फाड़ दी. मुख्यमंत्री ने कूचबिहार के रास मेला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले हमें नये श्रम संहिता पर एक नोटिस मिला. केंद्र सरकार ने 100 दिन की रोजगार योजना की पात्रता के लिए नयी शर्तें लगायी हैं. मैं ऐसी शर्तों से सहमत नहीं हूं. ये शर्तें अपमानजनक प्रकृति की हैं, इसलिए मैं नोटिस की एक प्रति फाड़ रही हूं. यह मेरे लिए कोई केंद्रीय नोटिस नहीं है, बल्कि यह मेरे लिए बस एक कोरा कागज है. सुश्री बनर्जी ने कहा: परसों हमें एक पत्र मिला, जिसमें कहा गया कि छह दिसंबर से हमें तिमाही श्रम बजट जमा करना होगा. उन्होंने एक प्रतिबंधात्मक शर्त लगा दी है. लेकिन इसे दिखाने का समय कहां है? यह दिसंबर है और चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं. फिर उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्रदान करना होगा. उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से कहा: आपको प्रशिक्षण कब मिलेगा और नौकरियां कब मिलेंगी? मैं कहती हूं कि यह कागज बेकार है. हम सत्ता में वापस आयेंगे. कर्मश्री के तहत, हम 70 दिन का काम दे रहे हैं. हम इसे बढ़ाकर 100 दिन करेंगे. हमें आपकी दया नहीं चाहिए. इसलिए मैं यह नोट फाड़ रही हूं. मुझे लगता है कि यह अपमानजनक है.मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार को 100 दिन की रोजगार योजना के लिए केंद्र सरकार से अभी तक 51,617 करोड़ रुपये की धनराशि नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि मुझे केंद्रीय कोष की परवाह नहीं है. सुश्री बनर्जी ने मंच से पर्चा फाड़ने से पहले घोषणा की: हमें ये शर्तें स्वीकार नहीं हैं. बंगाल 100 दिन की कार्य योजना अपने दम पर चलायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने ग्रामीण आवास एवं ग्रामीण सड़क परियोजनाओं जैसे अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों को भी रोक दिया है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी तरफ से काम उपलब्ध कराकर एक वैकल्पिक योजना ‘कर्मश्री’ शुरू की थी और दावा किया कि यह कार्यक्रम सफल रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसी से भीख नहीं चाहिए. बंगाल अपने पैरों पर खड़ा होना जानता है.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की किन शर्तों का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पर्चा पढ़ते हुए एक शर्त का हवाला दिया जिसके तहत श्रम विभाग को तिमाही श्रम बजट प्रस्तुत करना आवश्यक है. उन्होंने सवाल उठाया कि अभी दिसंबर है. फरवरी में चुनावों की घोषणा होगी. हम यह सब कब दिखायेंगे? मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि एक और शर्त के तहत हर ग्राम सभा में मजदूरों की संख्या 10 तक सीमित है. उन्होंने कहा: क्या ऐसा कभी होता है? एक परिवार में भी 10 गरीब लोग हो सकते हैं. सुश्री ने कहा कि केंद्र ने मजदूरों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण की भी बात कही है. मुख्यमंत्री ने कागज दिखाते हुए कहा: इसका कोई मूल्य नहीं है. यह एक बेकार कागज है. मैं इसे अपमान मानती हूं. इसके बाद उन्होंने मंच से कागज फाड़ दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

