कोलकाता.एचसीजी कैंसर अस्पताल ने हाल ही में प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित 68 वर्षीय मरीज पर जटिल रोबोट-असिस्टेड रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी (आरएआरपी) सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की है. यह न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी वरिष्ठ यूरो-ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन डॉ गौरव अग्रवाल के नेतृत्व में की गयी. उनकी टीम में जूनियर कंसल्टेंट, यूरो-ऑन्कोलॉजी डॉ सुव्रराज दास भी शामिल थे. इससे पहले मरीज ने मूत्र मार्ग की रुकावट के लिए एक अन्य अस्पताल में लेजर बीएनआइ के साथ टीयूआरपी करवाया था, जिसके दौरान प्रोस्टेट कैंसर का पता चला. इसके बाद उन्होंने एचसीजी कैंसर अस्पताल से संपर्क किया, जहां व्यापक मूल्यांकन और परामर्श के बाद आरएआरपी को उपचार का उपयुक्त विकल्प चुना गया. डॉ अग्रवाल के अनुसार, टीयूआरपी के बाद आरएआरपी करना तकनीकी रूप से काफी जटिल होता है, क्योंकि इससे मूत्र मार्ग की सामान्य शारीरिक रचना में परिवर्तन आ जाता है. इससे मूत्रवाहिनी के छिद्रों जैसी संरचनाओं की पहचान कठिन हो जाती है और आसपास के घने आसंजन सर्जरी को और चुनौतीपूर्ण बनाते हैं. इसके बावजूद, सर्जरी सफलतापूर्वक और बिना किसी जटिलता के संपन्न हुई. मरीज सर्जरी के अगले ही दिन चलने लगे और तीसरे दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. वर्तमान में मरीज अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार नियमित फॉलो-अप में हैं, जिसमें हर कुछ महीने में पीएसए टेस्ट शामिल है. डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है.
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