संवाददाता, कोलकाता
एशिया का सबसे बड़ा ‘रेड लाइट’ इलाका माने जाने वाले सोनागाछी की सैकड़ों यौनकर्मी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के संबंध में विभिन्न तरह की आशंकाओं को लेकर मंगलवार को चुनाव आयोग के सहायता शिविरों में पहुंचीं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि एक भी पात्र मतदाता को सूची से बाहर नहीं किया जायेगा. उत्तर कोलकाता के वार्ड संख्या 18 की संकरी गलियों में वर्षों से रह रहीं कई महिलाओं ने कहा कि उन्हें चिंता है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जायेगा, क्योंकि उनके पास वंशावली का प्रमाण नहीं है या दशकों पहले तस्करी, परित्यक्त होने या घर से भागने के कारण उनका अपने परिवारों से संपर्क टूट चुका है.
मुख्य चुनाव अधिकारी (सीइओ) मनोज अग्रवाल ने दुर्गा चरण मित्रा स्ट्रीट के पास लगाये गये शिविर का दौरा किया और लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि वार्ड के 11,000 मतदाताओं में से लगभग 3,500 यौनकर्मियों को अभी गणना अभियान में शामिल किया जाना बाकी है और उन्हें जल्द ही शामिल कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि हमें उन महिलाओं को शामिल करने के लिए विशेष अधिकार दिये गये हैं, जो 2002 की मतदाता सूची में नहीं थीं, लेकिन 2021 और 2024 में मतदान कर चुकी हैं. उनके नाम 11 दिसंबर तक दर्ज कर लिये जायेंगे.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इतने वर्षों में मतदान नहीं किया है, लेकिन उनके पास नागरिक होने के अन्य प्रमाण हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे 16 दिसंबर से अनुलग्नकों के साथ फॉर्म संख्या छह जमा करें और उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल होगा, जो 14 फरवरी को प्रकाशित होगी. उन्होंने कहा कि जो लोग अपने रिश्तेदारों के दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं, उन्हें भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्थानीय निवासियों और क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से सत्यापन किया जायेगा. उन्होंने कई यौनकर्मियों से मुलाकात की और उन्हें चुनाव आयोग की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मालूम रहे कि बुधवार को कालीघाट और खिदिरपुर में शिविर लगाया जायेगा.
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