कोलकाता.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उत्तर बंगाल में हासीमारा व अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और इस मौके पर सीएम ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ने बाढ़ राहत उपायों के लिए धन मुहैया नहीं कराया है और राज्य सरकार ‘किसी तरह’ अपने दम पर स्थिति से निपट रही है. उन्होंने कहा, विरोधी वोटों में हेराफेरी करने, चुनाव आयोग को राजनीतिक रूप से प्रभावित करने के लिए पैसे का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बाढ़, सड़क, आवास, हर चीज़ के लिए बंगाल की निधि को रोक दिया है. भले ही जीएसटी लागू किया गया, जिसका हमने लोगों के लिए समर्थन किया था, हमें 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.उन्होंने कहा, ‘केंद्र पर हमारा 1.85 लाख करोड़ रुपये बकाया है. इसमें 20,000 करोड़ रुपये और जोड़ दीजिए. अब कुल बकाया बढ़ कर दो लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. हम पैसा कहां से लायेंगे?’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में आपदा आने पर केंद्र सरकार द्वारा कोई मदद नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटों से राज्य के ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर और कूचबिहार जिलों में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गयी है. उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग के डुआर्स का नागराकाटा और मिरिक क्षेत्र भूस्खलन और आवासीय संपत्तियों के बह जाने से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘शनिवार रात से ही मुख्य सचिव, डीजीपी और मैं उत्तर बंगाल की स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए हैं. उत्तर बंगाल में.300 मिलीमीटर से ज़्यादा बारिश हुई, जो लगातार 12 घंटे तक जारी रही. फिर, भूटान से पानी संकोश (नदी) के जरिये बहकर आया और सिक्किम का पानी कई इलाकों में भर गया.’मुख्यमंत्री ने बांधों की आवश्यकता पर उठाये सवाल : मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बांधों की क्या जरूरत है? पानी अपने प्राकृतिक रास्ते से बह सकता था और प्राकृतिक रूप से निकल भी सकता था. तब सभी राज्य बराबर-बराबर असर झेल सकते थे, लेकिन अब सिर्फ बंगाल ही इसका शिकार हो रहा है. पानी दुर्गापुर और फरक्का बैराज से छोड़ा जा रहा है और हमारी सड़कें व पुल बह रहे हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें रविवार को भूटान सरकार से सहानुभूति व्यक्त करते हुए एक पत्र मिला है. उन्होंने कहा कि हमने उनसे धीरे-धीरे पानी छोड़ने का अनुरोध किया था, क्योंकि एक बार पानी छोड़ने के बाद इसे हम तक पहुंचने में 2-3 दिन लगते हैं. फिर भी उन्होंने जितना पानी छोड़ा, उससे नागराकाटा, धूपगुड़ी और जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर, माटीगाड़ा, दार्जिलिंग और मिरिक के कई इलाके बह गये. सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके नागराकाटा और मिरिक के साथ-साथ जोरेबंगला और कलिम्पोंग हैं.
फंसे पर्यटकों को वापस लाने की प्रक्रिया जारी : मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पर्यटकों को पहले ही बचा लिया गया है, हालांकि डायमंड हार्बर का एक व्यक्ति अब भी लापता है. उन्होंने कहा कि हम सोमवार को इस क्षेत्र से लगभग 500 पर्यटकों को वापस लायेंगे. हम 45 वोल्वो बसें और उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम की बसों का उपयोग कर रहे हैं और सिलीगुड़ी में अन्य पर्यटकों के लिए ठहरने की अस्थायी व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने होटलों को निर्देश दिये हैं कि वे फंसे हुए पर्यटकों को न निकालें. उन्होंने कहा कि सभी पर्यटकों को वापस लाना हमारी जिम्मेदारी है.’कोई अप्रिय घटना बर्दाश्त नहीं : सीएम
कोलकाता. उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान उग्र भीड़ के कथित हमले में मालदा उत्तर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी विधायक शंकर घोष के घायल होने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को लोगों से संयम और एकता की अपील की तथा उनसे मौजूदा संकट के बीच किसी भी अप्रिय घटना में शामिल न होने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने ऐसे समय में धैर्य व एकजुटता का आह्वान किया, जब इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोगों को भारी नुकसान हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

