संवाददाता, कोलकाता.
तृणमूल कांग्रेस के मालदा जिलाध्यक्ष व विधायक अब्दुल रहीम बख्शी (अब्दुर) एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. बख्शी पर आरोप है कि उन्होंने भाजपा विधायक शंकर घोष के मुंह में तेजाब डालने की धमकी दी है. उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर ने नहीं की है) भी वायरल हुआ है. इससे पहले भी बख्शी भाजपा, कांग्रेस और माकपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिंसक धमकियां देने के आरोप में खबरों में बने रहे हैं. बख्शी ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में भाजपा विधायक घोष पर निशाना साधा था, हालांकि उन्होंने उनका नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया.
बंगाल के प्रवासी मजदूरों को लेकर विधायक की पिछली टिप्पणियों का जिक्र करते हुए बख्शी ने कथित तौर पर कहा : जो बेशर्मी से कहते हैं कि बंगाल के 30 लाख प्रवासी मजदूर जो बाहर काम करते हैं, वे बंगाली नहीं हैं. वे रोहिंग्या हैं, बांग्लादेशी हैं. मैंने तब भी कहा था और आज भी कह रहा हूं : अगर मैं यह दोबारा सुनूंगा, तो मैं आपके मुंह में तेजाब डाल कर तुम्हारी आवाज जला कर राख कर दूंगा. आपको पता होना चाहिए कि यह पश्चिम बंगाल है. हम बंगाली आपको बोलने की जगह नहीं देंगे. मैं आपका चेहरा तेजाब से जला दूंगा. आरोप यह भी है कि इस दौरान उन्होंने लोगों से भाजपा के झंडे फाड़ने और जिले में पार्टी का सामाजिक बहिष्कार करने का भी आह्वान किया.
बख्शी के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मची है : भाजपा ने तुरंत इसकी निंदा की और तृणमूल पर धमकी और हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. मालदा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू ने कहा कि यह तृणमूल की हताशा और डर का प्रतीक है. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल का काम लोगों को डराना और धमकाना है. मुर्मू ने कहा कि मालदा में ऐसे बयान लगातार आ रहे हैं, क्योंकि तृणमूल के नेताओं को चुनाव के मद्देनजर डर है. तृणमूल के मालदा जिला अध्यक्ष अक्सर खबरों में बने रहने के लिए ऐसी बातें करते हैं. इधर, भाजपा कार्यकर्ताओं ने उपरोक्त घटना को लेकर मालदा में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा झूठे मामले दर्ज किये जा रहे हैं.
बख्शी का यह ताजा बयान उस समय आया है, जब मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी के नेताओं को अपमानजनक या भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी थी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आकलन करने के लिए हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में सुश्री बनर्जी ने नेताओं को याद दिलाया था कि गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच सकता है. बख्शी के इस विवादित बयान ने राज्य राजनीतिक हलकों में एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दोनों प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक टकराव की आशंका बढ़ा दी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

