कोलकाता. पश्चिम बंगाल के नगर निकायों में नियुक्ति घोटाले को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) नया चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. आरोप है कि राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े कई लोगों के परिवार के सदस्यों को अवैध तरीके से नियुक्तियां हुईं. सूत्रों के मुताबिक एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति का पुत्र भी इस सूची में शामिल है और उसे नियुक्ति घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ की जा चुकी है. हालांकि, अभी उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. ऐसी परिस्थितियों में सीबीआइ ने अदालत में नये चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अनुमान है कि इस नये चार्जशीट में उपरोक्त निष्कर्षों का उल्लेख किया जायेगा. वर्ष 2023 में सीबीआइ ने राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में प्रमोटर व व्यवसायी अयन शील को गिरफ्तार किया था. बाद में, उसके सॉल्टलेक स्थित कार्यालय की तलाशी के दौरान कई उत्तरपत्रक (ओएमआर शीट) बरामद हुए. वहीं से जांचकर्ताओं को नगर निकायों में हुई नियुक्तियों में घोटाले के संकेत मिले. शील की कंपनी को नगर निकायों में नियुक्ति की प्रक्रिया में ओएमआर शीट तैयार करने का काम सौंपा गया था. इसके बाद सीबीआइ ने इस मामले में कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया. शील को नियुक्ति घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी गिरफ्तार किया था. पिछले साल, सीबीआइ ने अदालत में इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें नियुक्ति घोटाले में वित्तीय लेनदेन का विवरण दिया गया था. इसमें यह भी बताया गया था कि कई लोगों ने अनुचित तरीके से नौकरी हासिल की. चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया कि शील के दो एजेंटों के जरिये कई लोगों को नौकरी मिली. प्रत्येक से इन एजेंटों ने करीब 50 हजार रुपये कमीशन के रूप में लिये. कुल मिलाकर 16 नगरपालिकाओं में अवैध तरीके से नियुक्ति होने का आरोप है.
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