रेलवे ट्रैक के पास अतिक्रमण के खिलाफ आरपीएफ ने चलाया जागरूकता अभियान
श्रीकांत शर्मा, कोलकाता
सियालदह मंडल को सिटी ऑफ जॉय की जीवन रेखा भी कहा जा सकता है. सियालदह मंडल की ट्रेनों से प्रतिदिन 15-18 लाख यात्री कोलकाता पहुंचते हैं. बंगाल का एक वृहद परिवहन साधन सियालदह रेल मंडल, विभिन्न जिलों और उपनगरों को महानगर से जोड़ता भी है. हालांकि, इस परिवहन साधन को अब गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार मंडल की रेल पटरियों के किनारे हुए अतिक्रमण और अवैध कब्जे के कारण अब सियालदह डिविजन में रेल परिचालन काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है. कई बार यह यात्रियों के साथ-साथ अतिक्रमणकारियों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. स्टेशनों पर तो अतिक्रमण की वजह से कई बार आगजनी की घटनाएं भी हो चुकी हैं. पिछले वर्ष ऐसी तीन से चार घटनाएं हुईं, जिनमें पटरियों के किनारे स्थित अवैध दुकानों व जुग्गी-झोपड़ियों में भयावह आग लगी और ट्रेन परिचालन बंद करना पड़ा.
नुक्कड़ नाटकों की मदद से चला रहे जागरूकता अभियान
इसके साथ ही अतिक्रमण के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाने के लिए रेलवे, सियालदह मंडल स्काउट्स एंड गाइड्स, सेंट जॉन एंबुलेंस और सिविल डिफेंस की भी मदद ले रहा है. इन संगठनों के सदस्य स्टेशनों पर नुक्कड़ नाटक आयोजित कर अतिक्रमण के खतरे की जानकारी लोगों को दे रहे हैं. इन नाटकों से अतिक्रमण से जुड़े जोखिमों और परिणामों को प्रभावी ढंग से पेश किया जा रहा है.रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण बेहद खतरनाक : डीआरएम
सियालदह मंडल के डीआरएम दीपक निगम ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण करना खतरनाक और अवैध है. यह घातक दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है. उन्होंने कहा : हमारा प्राथमिक लक्ष्य हमारे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है. हम सभी से आग्रह करते हैं कि रेलवे लाइन पार करने के लिए निर्धारित फुटओवर ब्रिज या सबवे का उपयोग करें.भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत, अतिक्रमण एक दंडनीय अपराध है और उल्लंघन करने वालों को कारावास या जुर्माना हो सकता है.
अवैध कब्जे के खिलाफ चल रहा जागरूकता अभियान
इस खतरे से निबटने के लिए, सियालदह डिविजन ने अनधिकृत ट्रैक क्रॉसिंग से जुड़े गंभीर खतरों और कानूनी परिणामों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. सियालदह मंडल अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक में लोगों तक पहुंच बनाने के लिए तरह-तरह के तरीकों को अपना रहा है. मंडल के सभी स्टेशनों पर लगातार घोषणाएं की जा रही हैं, जिसमें अतिक्रमण के जानलेवा जोखिम और दंडनीय अपराध के बारे में यात्रियों को बताया जा रहा है. रेल लाइनों के किनारे अतिक्रमण के खतरों और संबंधित कानूनी दंडात्मक प्रावधानों का विवरण देने वाले सूचना पंपलेट यात्रियों में बांटे जा रहे हैं. कई बार ऐसे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ रेलवे सुरक्षा बल कार्रवाई भी कर रहा है. पूरे मंडल में पटरियों के किनारे आरपीएफ कर्मियों की गश्ती बढ़ा दी गयी है.
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