जेआरसी के नेतृत्व में एक लाख गांवों में बाल-विवाह रोकने का व्यापक अभियान
कोलकाता. भारत को 2030 तक बाल-विवाह मुक्त बनाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) ने अगले एक वर्ष में देश के एक लाख गांवों को बाल-विवाह मुक्त घोषित करने का व्यापक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण–V (2019–21) के आधार पर उच्च-प्रभावित जिलों की पहचान की गयी है, जिनमें पश्चिम बंगाल के 23 जिले शामिल हैं. इन जिलों में विशेष निगरानी और कार्रवाई की जायेगी. जेआरसी देशभर में 250 से अधिक एनजीओ का सबसे बड़ा नेटवर्क संचालित कर रहा है और राज्य में 14 साझेदार संगठनों के सहयोग से यह कार्य कर रहा है. पिछले एक वर्ष में इस नेटवर्क ने राज्य में 11,938 बाल-विवाह को रोका है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण–V के अनुसार, पश्चिम बंगाल में बाल-विवाह की दर 41.6 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 23.3 प्रतिशत से अधिक है. बाल-विवाह की उच्च दर वाले शीर्ष 60 जिलों में से 11 जिले पश्चिम बंगाल में हैं. पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद और पूर्व बर्दवान जैसे जिलों में यह दर 50 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गयी है. सात जिलों में यह दर 40-40.9 प्रतिशत के बीच है और छह जिलों में 30-39.9 प्रतिशत पायी गयी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पंचायत, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और अन्य संबंधित विभागों के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया है, ताकि राज्य को बाल-विवाह मुक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रगति सुनिश्चित की जा सके.
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