दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर थाना क्षेत्र की घटना
संवाददाता, कोलकाता.
दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति पर अपने ही साले की बेरहमी से हत्या करने का आरोप लगा है. पुलिस ने वारदात के कुछ दिनों बाद ही मुख्य आरोपी जीजा समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के नाम देबब्रत पात्र (मृतक का जीजा), मीनाजुल पाइक, जसीमुद्दीन लश्कर और ऑटो चालक हाफिजुल मोल्ला बताये गये हैं. पुलिस के अनुसार, मृतक शांत मंडल (25) बारुईपुर के बेगमपुर इलाके का रहने वाला था. आरोप है कि वह बेंगलुरु में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार में लिप्त था. वहीं, उसका जीजा व बेलेगाछी का निवासी देबब्रत फूड डिलीवरी का काम करता था. साले के पास खूब पैसा और गले में मोटी सोने की चेन देखकर देवव्रत के मन में ईर्ष्या घर कर गयी थी. आरोप है कि उसने साले का धंधा हड़पने के लिए उसे रास्ते से हटाने की योजना बना डाली.
सूत्रों के अनुसार पुलिस को जांच में पता चला कि दो अक्तूबर को देबब्रत ने शांत को फोन कर बाहर बुलाया और अपने साथी हाफिजुल की ऑटो में बैठा लिया. साथ में मीनाजुल और जसीमुद्दीन भी थे. पहले वे लोग बासंती इलाके में गये, जहां शराब पिलाकर शांत मंडल की हत्या करने की साजिश रची गयी थी, लेकिन आसपास भीड़ होने से उन्होंने वारदात को अंजाम नहीं दिया. बाद में वे सभी शांत को लेकर रात में बेगमपुर स्थित 60 कॉलोनी पहुंचे. वहां फिर से शराब पार्टी हुई.
शराब शांत के पैसों से खरीदी गयी. पुलिस के अनुसार, जब शांत अपने मोबाइल फोन से ऑनलाइन भुगतान कर रहा था, तब देबब्रत ने उसके अकाउंट का पिन नंबर देख लिया. इससे पहले आरोपी जीजा ने साले की हत्या के लिए बेलेगाछी से एक धारदार हथियार खरीद चुका था. रात करीब साढ़े बारह बजे जैसे ही शराब पार्टी खत्म हुई, आरोपी जीजा ने पीछे से शांत के गर्दन पर वार कर दिया. एक ही वार में शांत का सिर धड़ से लगभग अलग हो गया. इसके बाद चारों ने मृतक के पास मौजूद नकदी, मोबाइल, चेन, अंगूठी लूट ली और फरार हो गये. घटना के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए देबब्रत ने चालाकी दिखाने की कोशिश की. उसने अपने साले के मोबाइल फोन से सिम कार्ड निकालकर दूसरे फोन में लगाया और उसके बैंक खाते से करीब 80 हजार रुपये निकाल लिये. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शांत के बैंक खाते में अभी भी लगभग पांच लाख रुपये हैं. पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मोबाइल ट्रैकिंग के आधार पर देबब्रत और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया. जांच में खुलासा हुआ कि हत्या के पीछे मुख्य कारण आर्थिक लालच और व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा थी.
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