कोलकाता.
बंगाल विधानसभा परिसर में तृणमूल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने दावा किया कि पार्टी के चारों विधायकों का निलंबन एक पूर्व नियोजित रणनीति थी, ताकि उन्हें हिंदू पूजा स्थलों पर बढ़ते हमलों और सरस्वती पूजा जैसी सदियों पुरानी परंपराओं को रोकने के प्रयासों जैसे मुद्दों को उजागर करने से रोका जा सके. पॉल ने कहा कि हम नहीं चाहते कि पश्चिम बंगाल दूसरा बांग्लादेश बन जाए. हम ममता बनर्जी को उनकी जबरदस्त तुष्टीकरण की नीतियों को जारी रखने की अनुमति नहीं देंगे. हम कुछ महीने पहले बंगाल के विभिन्न हिस्सों में दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और कार्तिक पूजा पंडालों पर हुए हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग करते हैं. भाजपा विधायक ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र संघ नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी, जिन्होंने जोगेश चंद्र कॉलेज में सरस्वती पूजा के आयोजन के खिलाफ फरमान जारी किया था. इस कारण उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा? ममता बनर्जी नहीं चाहतीं कि इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा हो. इसीलिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से हमारे खिलाफ निलंबन आदेश जारी करवाए.पॉल ने कहा कि वह आरजी कर अस्पताल में मेडिकल छात्रा की हत्या, जयनगर में एक नाबालिग से बलात्कार और हत्या तथा न्यू टाउन में एक किशोरी के यौन उत्पीड़न और हत्या जैसी घटनाओं के मद्देनजर ‘महिलाओं से बलात्कार और उनकी हत्या के मामलों में वृद्धि जैसे मुद्दों को उजागर करना चाहती थीं. उन्होंने दावा किया कि निलंबन आदेश का इस्तेमाल उन्हें राज्यपाल के बजट भाषण पर प्रतिक्रिया के दौरान सदन में इन मामलों को संबोधित करने से रोकने के लिए किया गया था.
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