कोलकाता.
राज्य में अगले वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव के पहले मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा यहां अपनी सांगठनिक शक्ति को और मजबूत करना चाहती है. राज्य भर में बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक सांगठनिक शक्ति को मजबूत करने के लिए गुरुवार को साॅल्टलेक स्थित प्रदेश कार्यालय में पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. बैठक में बंगाल के लिए पार्टी के चुनाव पर्यवेक्षक व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी व त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के साथ-साथ बंगाल के लिए पार्टी के केंद्रीय प्रभारी सुनील कुमार बंसल के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार सहित अन्य नेता मौजूद रहे. जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में बूथ स्तर पर भाजपा की सांगठनिक शक्ति को लेकर केंद्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं है. इसे लेकर चुनाव पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव ने प्रदेश भाजपा नेताओं से पूछा है कि बंगाल में बूथ स्तर पर पार्टी की सांगठनिक शक्ति क्यों नहीं बढ़ रही है, संगठन मजबूत क्यों नहीं हो रहा, कहां दिक्कते हैं. इसे चिह्नित करना होगा और जल्द ही इनका समाधान करना होगा. बताया जा रहा है कि राज्य में कौन-कौन से बूथ स्तर पर सांगठनिक शक्ति कमजोर हैं, वहां संगठन मजबूत क्यों नहीं हो पाया. अब केंद्रीय नेतृत्व स्वयं उन जिलों का दौरा करेगा और वे वहां हर महीने बैठक करेंगे.भाजपा सूत्रों के अनुसार, दक्षिण 24 परगना, मालदा, मुर्शिदाबाद, उलबेड़िया, बशीरहाट, बारासात, दक्षिण कोलकाता उपनगर (जादवपुर, बारुईपुर) और पश्चिम बर्दवान के कुछ हिस्सों में बूथ संगठन की स्थिति अच्छी नहीं है. केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेताओं से कहा है कि इन सभी बूथों पर सांगठनिक शक्ति को हर हाल में मजबूत करना होगा. हालांकि, बंगाल भाजपा के शीर्ष नेताओं को बूथ सशक्तीकरण अभियान में शामिल होने के लिए कहा गया है.
पर्यवेक्षक ने सांगठनिक तैयारियों का लिया जायजासूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्रीय भूपेंद्र यादव ने राज्य में पार्टी की सांगठनिक तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने राज्य के सभी बूथों पर बीएलए एक व दो की नियुक्ति के काम से लेकर, बूथ कमेटी के गठन व पूरे सांगठनिक ढांचे के बारे में जानकारी ली और कई सुझाव भी दिये. इसके अलावा बैठक में जातिगत विन्यास, भाजपा कहां कितनी मजबूत है, तृणमूल के खिलाफ क्या मुद्दे हो सकते हैं, इन सभी पर चर्चा की गयी.
एसआइआर के वक्त सतर्क रहें कार्यकर्ताकोलकाता. दुर्गापूजा उत्सव समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद भाजपा ने गुरुवार को 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपनी जमीनी तैयारी शुरू कर दी व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने यहां एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक समीक्षा बैठक की. पार्टी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों- भूपेंद्र यादव व बिप्लब कुमार देब को पश्चिम बंगाल में भाजपा की चुनावी तैयारियों की निगरानी का जिम्मा सौंपा है. दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक बुधवार रात यहां पहुंचे. सूत्रों ने बताया कि चर्चा में निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर भी चर्चा हुई, जिस पर राज्य में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. भाजपा नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान सक्रिय रहने का निर्देश दिया है. इस प्रक्रिया की घोषणा इसी महीने के अंत में होने की उम्मीद है. एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि एसआइआर बेहद जरूरी है. हमारे कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि असली मतदाता छूट न जायें और यह प्रक्रिया पारदर्शी हो.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने उम्मीदवारों के चयन और निर्वाचन क्षेत्र संबंधी तैयारी के लिए प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय चुनाव के करीब आने पर ही लिये जायेंगे.सूत्र ने कहा कि संभावित उम्मीदवारों की एक मसौदा सूची तैयार की जा रही है, लेकिन यह अभी अंतिम नहीं है. फिलहाल ध्यान संगठन में जान फूंकने पर केंद्रित पर है. उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में 77 सीट जीती थीं और वह 2024 के लोकसभा वोट शेयर के आधार पर लगभग 90 विधानसभा क्षेत्रों में आगे है. राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 148 है. भाजपा अक्तूबर और नवंबर के दौरान जन संपर्क कार्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार कर रही है, जिसके बाद जनवरी 2026 से एक गहन अभियान शुरू किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

