शुभेंदु अधिकारी व सुकांत मजूमदार ने दी बधाई
संवाददाता, कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी चुनावों से ठीक पहले भाजपा के खेमे में जश्न का माहौल है, जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को अपने ही गढ़ में एक शर्मनाक और करारी हार का सामना करना पड़ा है. यह मुकाबला किसी विधानसभा सीट का नहीं, बल्कि राज्य के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक ‘कलकत्ता हाइकोर्ट क्लब’ के चुनाव का था, जहां वकीलों ने ममता बनर्जी की पार्टी को झटका देते हुए भाजपा के पैनल पर भरोसा जताया है.
भाजपा के पैनल ने तृणमूल के उम्मीदवारों को हरा कर सभी प्रमुख पदों पर कब्जा जमा लिया है. जो नतीजे आये हैं, उनके मुताबिक भाजपा ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त उपाध्यक्ष और एक संयुक्त सचिव की सीट पर जीत हासिल की है. इस चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा सचिव पद को लेकर रही, जहां तृणमूल के भीतर मची अफरातफरी ने भाजपा की जीत की राह आसान कर दी.
शुरुआत में तृणमूल की तरफ से संजीव दा ने सचिव पद के लिए अपना प्रचार शुरू किया था. वे वकीलों के बीच जाकर वोट मांग रहे थे, लेकिन अचानक पार्टी आलाकमान या रणनीतिकारों ने फैसला बदला और उनकी जगह विश्वव्रत बसु मलिक को उम्मीदवार बना दिया. नाटक यहीं खत्म नहीं हुआ. ऐन वक्त पर, जब मुकाबला कड़ा होने वाला था, विश्वव्रत बसु मलिक ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके परिणामस्वरूप, सचिव पद की लड़ाई सीधे भाजपा और एक निर्दलीय उम्मीदवार के बीच रह गयी और भाजपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की. इस जीत पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी व केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने बधाई दी है.
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