कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और क्लीनिक सेंटरों की मनमाने बिल पर लगाम लगाने के लिए विधेयक पारित किया था, जिसे अनुमोदन के राजभवन भेजा गया है. राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए ””द वेस्ट बंगाल क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट्स अमेंडमेंट बिल 2025”” को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंजूरी दे दी है. राजभवन की ओर से बताया गया कि राज्यपाल ने इस महत्वपूर्ण विधेयक को अपनी सहमति दे दी है. यह विधेयक इसी साल 17 जून को विधानसभा में पेश किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निजी अस्पताल मरीजों से पैकेज के बाहर अतिरिक्त शुल्क न वसूलें. विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपचार के लिए निर्धारित पैकेज के बाहर कोई भी पैसा नहीं लिया जा सकता. अस्पतालों को मरीजों का क्लिनिकल डेटा प्रतिदिन एकत्र करना होगा. यदि किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है, तो अस्पताल को तुरंत उसके परिवार को सूचित करना होगा. यदि पैकेज के बाहर कोई अतिरिक्त खर्च होता है, तो उसकी जानकारी भी पहले से देनी होगी. पैकेज रेट चार्ट का प्रदर्शनः पैकेज रेट चार्ट को इस तरह प्रदर्शित करना होगा कि आम लोगों को आसानी से दिखाई दे और यह विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हो. राज्य सरकार के इस जनहितैषी विधेयक को विधानसभा से पारित होने के बाद राजभवन भेजा गया था. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विधेयक के प्रावधानों का गहनता से अध्ययन किया. माना जा रहा है कि विधेयक को व्यावहारिक और क्रांतिकारी मानते हुए उन्होंने इसे तुरंत मंजूरी दे दी. इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि निजी अस्पतालों के खिलाफ पैकेज से बाहर पैसे लेने की कई शिकायतें मिली थीं. इसके जवाब में राज्य सरकार ने यह व्यावहारिक विधेयक पेश किया था, जो पारित भी हो गया. राज्यपाल की सहमति मिलने से मुझे काफी खुशी है, इससे राज्य के लाेगों को काफी फायदा होगा.
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