कोलकाता.
एक बार फिर से गुरुवार को सीईओ कार्यालय के बाहर उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गयी, जब बीएलओ अधिकार रक्षा कमेटी के बैनर तले बीएलओ उग्र प्रदर्शन पर उतारू हो गये. ये प्रदर्शनकारी मृत बीएलओ के परिजनों को मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ कर सीईओ कार्यालय के अंदर जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई. इस प्रदर्शन में मृत बीएलओ के परिजन भी शामिल थे. कुछ देर के लिए स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो गयी. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा. प्रदर्शनकारी सुबह से ही हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर सीईओ कार्यालय के सामने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीएलओ पर डेटा एंट्री का काम जबरदस्ती थोपा गया है. यह सरासर गलत है. काम का दबाव पहले से है. काम के दबाव के कारण बीएलओ की मौत हो रही है. वे बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, लेकिन चुनाव अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे लोग सीईओ मनोज अग्रवाल से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन वह नहीं मिल रहे हैं. उनलोगों को मिलने से रोका जा रहा है. मालूम रहे कि सीईओ कार्यालय के सामने बीएलओ का प्रदर्शन लंबे समय से चल रहा है. गत सोमवार को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सहित भाजपा के अन्य नेताओं के सीईओ कार्यालय पहुंचने पर स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गयी थी. इस दिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की थी. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी देर तक धक्कामुक्की हुई थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

