एसिडिटी–अल्केलिनिटी मानक पर खरा नहीं, राज्य में बिक्री पर रोक
संवाददाता, कोलकाताअब तक खराब गुणवत्ता की दवाओं पर कार्रवाई की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार एंटी-डैंड्रफ शैंपू गुणवत्ता जांच में फेल पाया गया है. गुजरात के अहमदाबाद में बना एक शैंपू क्वालिटी टेस्ट में असफल होने के बाद पश्चिम बंगाल में उसकी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. वेस्ट बंगाल स्टेट ड्रग कंट्रोल बोर्ड ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी करते हुए होलसेलर और रिटेलर को निर्देश दिया है कि संबंधित शैंपू को किसी भी हालत में न बेचा जाये. यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह उत्पाद किसी भी सरकारी या निजी स्वास्थ्य केंद्र में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होना चाहिए. शैंपू का संबंधित बैच नंबर भी सर्कुलर में जारी कर दिया गया है. स्टेट ड्रग कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, शैंपू बनाने वाली कंपनी एमआइएचपीएल है, जो अहमदाबाद के साणंद में स्थित है. जांच में पाया गया कि शैंपू की एसिडिटी और अल्केलिनिटी का स्तर निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑथॉरिटी को शैंपू की गुणवत्ता में खामी मिली थी. इसके बाद सीडीएससीओ ने वेस्ट बंगाल ड्रग कंट्रोल को नोटिस भेजकर अलर्ट किया. उसी के आधार पर राज्य में सभी दुकानों से संबंधित बैच नंबर वाले शैंपू को हटाने का निर्देश जारी किया गया.141 दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों की बिक्री पर भी रोक
यही नहीं, स्टेट ड्रग कंट्रोल बोर्ड ने कुल 141 दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है. इनमें कई महत्वपूर्ण दवाएं शामिल हैं, जैसे—एंटीबायोटिक एमोक्सिसिलिन पोटैशियम क्लैवुलैनेट (बैच नंबर: एमआइसीटीएबी 2424), महिलाओं के लिए आवश्यक फोलिक एसिड टैबलेट (बैच नंबर: एफटीवी 25002), पेट के अल्सर की दवा ओमेप्राजोल कैप्सूल (बैच नंबर: 153/25). स्टेट ड्रग कंट्रोल बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार, ये दवाएं पश्चिम बंगाल में निर्मित नहीं हैं, बल्कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से राज्य में लायी गयी हैं. अब बोर्ड इस बात की जांच कर रहा है कि ये दवाएं किस मार्ग से पश्चिम बंगाल पहुंचीं. अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से कई दवायें लैब टेस्ट में मानक पर खरी नहीं उतरीं, जबकि कुछ संदिग्ध दवाओं की टेस्ट रिपोर्ट अभी आना बाकी है. जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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