वहां कांग्रेस और माकपा ने नारदा कांड की जांच की मांग नहीं कर नारदा के गुनहगारों को बचाने का काम किया है. पूरा देश नारदा के स्टिंग में तृणमूल नेताओं को पैसा लेते और मोल भाव करते देख चौंक गया. कुछ लोग कहते हैं कि यह पैसे किसके हैं मैं कहता हूं कि यह पैसे आम जनता के हैं.ऐसे लोगों को जनता माफ नहीं करेगी और बंगाल की गद्दी से उखाड़ फेंकेगी. कांग्रेस-माकपा गंठबंधन पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस-माकपा गंठबंधन राज्य में भले ही एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हों लेकिन दिल्ली में ये तीनों साथ-साथ हैं. पिछले दो सालों में तृणमूल, कांग्रेस और माकपा ने मिलकर सरकार के विकास के काम में बाधा खड़ा करने का काम किया. राज्य में लेफ्ट और कांग्रेस का गंठबंधन है जबकि दिल्ली में लेफ्ट-कांग्रेस और दीदी तीनों मिलेजुले हैं.
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पीएम मोदी ने कहा,सारधा से नारदा तक हुआ धोखा दीदी को जवाब तो देना पड़ेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में रविवार को तीसरी बार बंगाल के दौरे पर आये. उन्होंने नदिया जिले के कृष्णनगर और कोलकाता में चुनावी रैली में राजनीतिक विरोधियों पर जम कर हमला बोला. खास कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम के निशाने पर रहीं. मोदी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में रविवार को तीसरी बार बंगाल के दौरे पर आये. उन्होंने नदिया जिले के कृष्णनगर और कोलकाता में चुनावी रैली में राजनीतिक विरोधियों पर जम कर हमला बोला. खास कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम के निशाने पर रहीं. मोदी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में निर्वाचन आयोग ने तृणमूल नेता ममता बनर्जी को कारण बताओ नोटिस दिया था, पर इसका जवाब राज्य के मुख्य सचिव ने दिया. यह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है. मोदी ने कहा कि सारधा (चिटफंड घोटाला) से नारदा (स्टिंग ऑपरेशन) तक लोगों के साथ धोखा हुआ है. इसे लेकर दीदी (ममता बनर्जी) को जवाब तो देना ही पड़ेगा. लोग बंगाल में परिवर्तन के िलए तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में ले आये. बंगाल में तो परिवर्तन नहीं हुआ, पर दीदी बदल गयीं.
वाम मोरचा और कांग्रेस गंठबंधन पर प्रधानमंत्री ने उठाया सवाल
कोलकाता/कृष्णनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला. कृष्णनगर और कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में अायोजित चुनावी रैली में उन्होंने कांग्रेस व वाम मोरचा की भी खबर ली. उन्होंने कहा: जिसे (कांग्रेस और वाम मोरचा) पूरे देश ने नकार दिया, क्या बंगाल उसे स्वीकार करेगा. बंगाल कभी भी इसकी गलती नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को नोटिस भेजा था. यह नोटिस मुख्यमंत्री को नहीं भेजा गया था, बल्कि तृणमूल नेता ममता बनर्जी को भेजा गया था, लेकिन ममता बनर्जी ने खुद जवाब नहीं दिया. उन्हें बताया गया है कि जवाब राज्य के मुख्य सचिव ने दिया है. यह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है. जवाब देने की वजह आप चुनाव अायोग को देख लेने की धमकी दे रही हैं, अगर देखना था तो यहां की जनता को देखतीं. देश कानून और नियम से चलता है, लेकिन आप उन्हीं को नहीं मानेंगी, तो आपको भारत के संविधान व कानून व्यवस्था पर आस्था है कि नहीं, यह जनता के सामने स्पष्ट करना होगा. मोदी ने कहा कि सरकार के दुरुपयोग के मामले में इंदिरा गांधी को भी छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गयी थी.
मोदी ने सारधा चिटफंड घोटाला और वेब पोर्टल नारद न्यूज के स्टिंग अॉपरेशन का मुद्दा उठा कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही वाम मोरचा और कांग्रेस को घेरने की कोशिश की. शहीद मीनार मैदान में आयोजित रैली में मोदी ने कहा: पहले मैं बंगाल से काफी दूर था लेकिन अखबारों व न्यूज चैनलों के माध्यम से दीदी (ममता बनर्जी) द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठायी जा रही आवाज और उनकी लड़ाई देखता-सुनता था. लेकिन आज दीदी के शासन में इतना बड़ा नारदा कांड हो गया और वह चुप बैठी हैं, क्या यही परिवर्तन है. उन्होंने कांग्रेस और माकपा पर भी नारदा के गुनहगारों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा में हमने नारदा की जांच आचार समिति से करवाने का प्रस्ताव अध्यक्ष के पास रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया. लेकिन राज्यसभा में हम बहुमत में नहीं हैं.
विवेकानंद पुल हादसा पाप करने की परंपरा का परिणाम
बड़ाबाजार के विवेकानंद फ्लाइओवर हादसे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या गुनाह किया था उस मां ने जिसने बुढ़ापे का सहारा बेटा, पत्नी ने अपना सुहाग और उस बहन ने अपना भाई बड़ाबाजार के विवेकानंद ब्रिज हादसे में गवां दिया. मैं पूछना चाहता हूं कि विवेकानंद ब्रिज हादसे का गुनहगार कौन है. जो लोग नारदा स्टिंग वीडियो में नजर आते हैं वहीं सारधा में और अब वहीं लोग विवेकानंद ब्रिज हादसे में भी नजर आते हैं. इसका अर्थ यह है कि पाप करने की परंपरा से यह सभी लोग जुड़े हुए हैं.
माकपा का सिंडिकेट दीदी को भा कर रहा
सिंडिकेट का जन्मदाता माकपा को बताते हुए प्रधानंत्री ने कहा कि सीपीएम ने जिस सिंडिकेट राज को शुरू किया था वह आज ममता बनर्जी को सूट कर गया है. दीदी ने परिवर्तन के नाम पर सीपीएम की बुराइयों को ही और बेहतर रूप में लागू करने का काम किया है. ऐसा लगता है कि बंगाल में सिंडिकेट के िबना कुछ होता ही नहीं है. रैली में मोदी ने जनता से आग्रह किया कि यदि बंगाल को विकास के पथ पर अग्रसर करना है तो कांग्रेस,सीपीएम और तृणमूल तीनों से राज्य को मुक्त दिलानी पड़ेगी. उन्होंने जनता से प्रश्न करते हुए कहा कि भाइयों और बहनों मैं हैरान हूं कि क्या बंगाल में इसी तरह सिंडिकेट राज चलता रहेगा. यदि इसी तरह से सिंडिकेट राज चलेगा को बंगाल बचेगा क्या. जिसका न्याय हाइकोर्ट नहीं कर पाया उसका न्याय करने की ताकत आप के हाथ में है और इस सरकार को ऐसी सजा दें कि दोबारा ऐसा गुनाह करने की हिम्मत न करें.
नारद न्यूज स्टिंग
मोदी ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि किस तरह बंगाल का भविष्य कैमरे पर बेचा जा रहा था. गौरतलब है कि नारद न्यूज के स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल के छह सांसद और कई मंत्री कैमरे पर कथित तौर पर घूस लेते देखे गये थे.
ममता-आयोग विवाद
ममता को चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के मुद्दे पर मोदी ने कहा: ममता और उनकी पार्टी हार मान चुकी है और इसलिए वह राजनीतिक पार्टियों से मुकाबला करने की बजाय चुनाव आयोग से लड़ रही है.
विवेकानंद फ्लाइओवर
मोदी ने कहा कि विवेकानंद फ्लाइओवर का गिरना सिंडिकेट संस्कृति का परिणाम है. गौरतलब है कि निर्माणाधीन फ्लाइओवर का एक हिस्सा धराशायी होने से 26 लोगों की मौत हो गयी थी और सौ से ज्यादा लोग घायल हो गये.
सिंडिकेट राज
पीएम ने कहा कि सिंडिकेट राज वाम मोरचा शासन की देन है. लेकिन इस बुराई को ममता सरकार ने और गहरा किया. ऊंची कीमत पर निर्माताओं को बालू-सीमेंट खरीदने के िलए बाध्य करने को सिंडिकेट राज कहा जाता है.
ममता का पलटवार, कहा-वे बंगाल को नहीं जानते
मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिये बिना पलटवार करते हुए कहा कि कुछ नेता चुनाव के समय अचानक यहां आ जाते हैं. वह बंगाल की राजनीति के बारे में क्या जानते हैं. ममता ने चौरंगी िवधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार नयना बंद्योपाध्याय के समर्थन में आयोजित सभा में कहा : 34 वर्षों के वाम मोरचा शासनकाल में ये नेता कहां थे. पहले बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं था. राज्य में केवल आतंक का शासन था. जो आज आतंक पर भाषण दे रहे हैं, वे वाम मोरचा शासन के दौरान कहां थे. पांच वर्षों पहले बंगाल को राजनीतिक स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन आर्थिक स्वतंत्रता अभी तक नहीं मिली है. उन्हें ऋण से ग्रसित राज्य दिया गया था. इसके बावजूद उन्होंने राज्य की आय 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़ा कर 40 हजार करोड़ रुपये की है. शिक्षकों सहित कर्मचारियों को वेतन पहली तारीख को दे रहे हैं.
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