कोलकाता: बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के हारने पर भी उसका असर पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव में नहीं पड़ेगा. प्रदेश भाजपा ने यह दावा किया है. प्रदेश भाजपा के सचिव रितेश तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार व बंगाल का परिप्रेक्ष्य पूरी तरह अलग है.
यहां सारधा घोटाला, बेरोजगारी, महिलाओं के असम्मान व कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के मुद्दे हैं. बिहार में भी भाजपा का अकेले का प्रदर्शन देखा जाये, तो उसका नतीजा बुरा नहीं है.
लालू प्रसाद, नीतीश कुमार तथा कांग्रेस के सम्मिलित वोट प्रतिशत के लिहाज से भाजपा का प्रदर्शन ठीक था. भाजपा विकास के मुद्दे पर लड़ी, लेकिन विरोधियों ने इसे धर्म व जाति का चुनाव बनाया था. नीतीश कुमार व लालू प्रसाद आजीवन कांग्रेस की राजनीति के खिलाफ लड़ते रहे, लेकिन सत्ता के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने से पीछे नहीं हटे. श्री तिवारी ने कहा कि बंगाल में कई नेता बिहार में एनडीए की हार पर खुशियां मनाते हुए बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन क्या अगले वर्ष होनेवाले बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल, माकपा व कांग्रेस का गंठबंधन हमें देखने को मिलेगा.