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इज्जत बचाने के लिए चलती ट्रेन से बच्चे सहित कूदा पूरा परिवार
जलपाईगुड़ी : चलती ट्रेन में बदमाशों के एक दल ने इतना तांडव मचाया कि आखिरकार एक दंपती को अपने नौ महीने के एक शिशु के साथ ट्रेन से कूदना पड़ा. बदमाश युवकों के हाथों से पत्नी को बचाने के लिए पति ने ऐसा कदम उठाया. मंगलवार की देर रात को यह घटना अलीपुरद्वार के राजाभातखावा […]
जलपाईगुड़ी : चलती ट्रेन में बदमाशों के एक दल ने इतना तांडव मचाया कि आखिरकार एक दंपती को अपने नौ महीने के एक शिशु के साथ ट्रेन से कूदना पड़ा. बदमाश युवकों के हाथों से पत्नी को बचाने के लिए पति ने ऐसा कदम उठाया. मंगलवार की देर रात को यह घटना अलीपुरद्वार के राजाभातखावा स्टेशन के संलग्न डिमा ब्रिज के निकट घटी है.बदमाशों ने महिला के साथ न सिर्फ छेड़छाड़ की, बल्कि बलात्कार की कोशिश की. गुवाहाटी से अलीपुरद्वार जा रही महानंदा लिंक एक्सप्रेस से दंपती अपने बच्चे को लेकर कूद गया था. घटनास्थल से बक्शा रेंज के वनकर्मियों ने शिशु सहित घायल दंपती को बरामद कर रेल पुलिस के हाथों सौंप दिया. दोनों पति-पत्नी की चिकित्सा वर्तमान में अलीपुरद्वार रेलवे अस्पताल में चल रही है.
पता चला है कि दंपती कूचबिहार जिले के दिनहाटा का रहने वाला है. पुलिस ने ट्रेन में इस प्रकार की हरकत करने वाले युवकों की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित दंपती गाजियाबाद में एक ईंट-भट्टा में काम करता था. वह ट्रेन के अनारक्षित डब्बे में बैठकर अपने घर लौट रहे थे. महिला ने बताया है कि वह लोग गाजियाबाद स्टेशन पर महानंदा लिंक एक्सप्रेस के अनारक्षित डब्बे में सवार हुए. दिल्ली के कुछ युवक भी उस डब्बे में सवार हो गये थे. आरोप है कि ट्रेन रवाना होने के बाद से ही युवकों ने महिला के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी. उसके बाद पति के विरोध करने पर युवक शांत हो गये. उसके बाद रात को न्यू माल स्टेशन के निकट युवकों ने फिर से वैसी ही हरकत शुरू कर दी.
बताया जा रहा है कि युवक नशे में थे. घटना का विरोध करने पर युवकों ने महिला तथा उसके पति को चलती ट्रेन से बाहर फेंक देने की धमकी दी. पीड़ित महिला ने कहा है कि इस पूरे मामले की जानकारी हासीमारा स्टेशन पर गार्ड को दी गयी. लेकिन ट्रेन के गार्ड ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. महिला के पति का कहना है कि युवकों ने उनकी पत्नी के साथ बलात्कार करने की कोशिश की. आखिरकार पत्नी की इज्जत बचाने के लिए वह ट्रेन से कूद गये. जिस जगह वह लोग चलती ट्रेन से कूदे वह इलाका हाथियों के कोरिडोर के रूप में जाना जाता है. नियमित रूप से वनकर्मी यहां गश्त लगाते हैं. वनकर्मियों ने ही बच्चे तथा दोनों पति-पत्नी को रेल लाइन के निकट पड़े हुए देखा.
बाद में इन लोगों को रेल पुलिस के हवाले कर दिया गया. फिलहाल तीनों ही खतरे से बाहर हैं. इधर, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अतिरिक्त सुरक्षा अधिकारी मुकुल कुमार मेहंदी ने बुधवार को अस्पताल जाकर पीड़ित दंपती से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि उनके सिर पर चोट है. शिशु पूरी तरह से सुरक्षित है. पति-पत्नी की चिकित्सा की जा रही है और वह दोनों ही खतरे से बाहर हैं. पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए जोर-शोर से कोशिश कर रही है.
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