हाइकोर्ट ने शर्तों के साथ वाहनों को चलाने की दी अनुमति
वाहनों के लिए प्रत्येक छह महीने में लेना होगा फिटनेस सर्टिफिकेट
संवाददाता, कोलकाताराज्य में फिलहाल 15 साल से अधिक पुराने निजी वाणिज्यिक वाहनों को सड़कों से नहीं हटाया जायेगा. राज्य सरकार और बस यूनियनों के बीच 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों को फिटनेस टेस्ट पास करने की शर्त पर सड़क पर चलाने की अनुमति देने के मामले में सहमति बन गयी है. दोनों पक्षों में सहमति बनी है कि 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों के लिए साल में दो बार फिटनेस टेस्ट कराया जायेगा और यदि वे इसमें पास हो जाती हैं, तो उनके चलने पर कोई रोक नहीं होगी. कलकत्ता हाइकोर्ट ने 22 मई को राज्य सरकार और बस संचालकों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा करने और 15 वर्ष पुरानी गाड़ियों पर उनके रुख के बारे में आम सहमति बनाने के निर्देश दिये थे. मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से न्यायालय के ध्यान में लाया गया कि परिवहन विभाग व निजी वाहन संचालकों के बीच सहमति बन गयी है. इसके बाद हाइकोर्ट की एकल पीठ ने सशर्त रूप से ऐसे वाहनों को शहर की सड़कों पर चलने की अनुमति दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार को परिवहन विभाग और वाहन संचालकों के बीच बनी सहमति को एक हलफनामे के रूप में अदालत को सुपुर्द करने का निर्देश किया. पीठ ने कहा कि आगे मामले की सुनवाई होगी और अदालत दिशा-निर्देश जारी करेगी. न्यायालय ने आदेश दिया है कि 15 वर्ष या उससे अधिक पुराने सभी निजी वाणिज्यिक वाहन, जो यांत्रिक रूप से उचित सेवा प्रदान करने में सक्षम हैं और जो पर्यावरण को कोई अतिरिक्त नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, उन्हें शहर की सड़कों पर चलने की अनुमति दी जायेगी. हालांकि, इसके लिए उन्हें हर छह महीने में ””फिटनेस सर्टिफिकेट”” लेना होगा. सात बस संचालक संगठनों सिटी सबअर्बन बस सर्विस, ऑल बंगाल बस मिनी बस समन्वय समिति, बसंती हाइवे बस मालिक समन्वय समिति, विश्व बांग्ला बस सर्विस, हावड़ा बस वेलफेयर सोसाइटी, उत्तर 24 परगना बस मालिक यूनाइटेड फोरम और हावड़ा बस मिनी बस मालिक वेलफेयर एसोसिएशन ने न्यायालय के निर्देशानुसार परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने मंगलवार को विधानसभा में पत्रकारों से कहा: हम 15 साल की उम्र वाले वाहनों का साल में दो बार फिटनेस टेस्ट करेंगे. अगर कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में खरा उतरता है तो उसे चलाने की अनुमति दी जा सकती है. हालांकि, अगर वह फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसे स्क्रैप कर दिया जायेगा. पहली फिटनेस टेस्ट के लिए 12500 रुपये और दूसरी टेस्ट के लिए 540 रुपये देने होंगे. फिटनेस सर्टिफिकेट तभी दिया जायेगा जब प्रदूषण से संबंधित सर्टिफिकेट होगा. सिटी सबअर्बन बस सर्विस के टीटो साहा ने कहा कि हमें खुशी है कि राज्य सरकार हमारे साथ खड़ी है. हमें उम्मीद है कि कानूनी गतिरोध जल्द ही दूर हो जायेगा. इस मुद्दे पर बनी आम सहमति को उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत की जायेगी.
क्या है मामला :
उल्लेखनीय है कि पर्यावरण के हित में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पश्चिम बंगाल और देश के अन्य राज्यों से 15 साल या उससे अधिक पुराने व्यावसायिक वाहनों को वापस लेने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ वाहन मालिकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें बस मालिक संगठनों का कहना था कि कोरोना के कारण लगभग दो वर्ष तक वाहन बंद थे, ऐसे में वाहनों के सड़कों पर संचालन के लिए और अधिक समय देना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है