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लॉ एंड ऑर्डर व वोट बैंक के बीच फंसी पुलिस

जे कुंदन, हावड़ा : शहर व ग्रामीण हावड़ा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे लगातार हिंसक प्रदर्शन का कारण पुलिस की अतिसक्रिय भूमिका मानी जा रही है. भाजपा को छोड़ सत्ता पक्ष व विपक्ष के अन्य नेताओं का कहना है कि प्रदर्शनकारियों का आंदोलन उस समय हिंसक हुआ जब पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ […]

जे कुंदन, हावड़ा : शहर व ग्रामीण हावड़ा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे लगातार हिंसक प्रदर्शन का कारण पुलिस की अतिसक्रिय भूमिका मानी जा रही है. भाजपा को छोड़ सत्ता पक्ष व विपक्ष के अन्य नेताओं का कहना है कि प्रदर्शनकारियों का आंदोलन उस समय हिंसक हुआ जब पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ सख्ती से पेश आयी.

पुलिस की इस कार्रवाई से नेताओं में नाराजगी है. नेताओं का कहना है कि प्रदर्शनकारी खुद इस कानून को लेकर डरे हुए हैं. ऐसे में पुलिस को उनके साथ नरमी से पेश होने की जरूरत थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
यही कारण है कि आंदोलन हिंसक प्रदर्शन में बदल गया. वहीं, नेताओं की नाराजगी पुलिस के लिए सिर दर्द बनी हुई है. पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था व नेताओं के वोट बैंक के बीच वे लोग फंस गये हैं. माकपा व तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि पुलिस को धैर्य से काम करना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले दागकर उनके आंदोलन को हिंसक बना दिया.
14 दिसंबर को कोना एक्सप्रेस-वे पर चार घंटे तक अवरोध हुआ. प्रदर्शनकारियों ने 20 से अधिक बसों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस पर जम कर पथराव किया गया. इसमें में एक महिला आइपीएस सहित कई पुलिसवाले घायल हुए. मजबूरन पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
पुलिस के लाठी चार्ज व सख्ती से पेश आने से नेताओं में रोष है. सांकराइल के तेपाटी में भी पुलिस उपायुक्त अजित सिंह यादव पर बम फेंके गये. इस बमबाजी में छह पुलिसवाले घायल हुए थे. उस दिन पुलिस तेपाटी में छापामारी करने गयी थी कि उसी समय प्रदर्शनकारियों ने हमला बोल दिया. यहां भी पुलिस की कार्रवाई से जिले के कई नेता नाराज दिखे.
कानून के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. हावड़ा में भी इस कानून के खिलाफ आंदोलन हुआ और हिंसक रूप ले लिया. लाठी चार्ज नहीं करने से हालात इतने नहीं बिगड़ते. पुलिस को संयम से काम लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यह दुखद है.
अरूप राय, मंत्री व जिलाध्यक्ष(सदर)
तृणमूल कांग्रेस डबल रोल प्ले कर रही है. प्रदर्शन के दौरान स्थानीय तृणमूल नेता व विधायक प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे व उन्हें समझाने की कोशिश की. पुलिस से लाठी चार्ज करवा दिया. तृणमूल कांग्रेस यहां भी राजनीति कर रही है.
विप्लव मजूमदार, जिला माकपा सचिव.
हमलोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस के कारण आंदोलन हिंसक प्रदर्शन का रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों पर बेहरमी से लाठी चार्ज करवाया गया. पुलिस ने बर्बरता पूर्वक प्रदर्शनकारियों को पीटा.
शेख जमील, प्रदर्शनकारी.
राष्ट्रीय राजमार्ग अवरोध किया जाये. अवरोधकारियों को हटाने पहुंची पुलिस पर पत्थर फेंके जाये. इस हालत में पुलिस क्या अवरोधकारियों को गुलाब फूल देगी. छापा मारने पहुंची पुलिस पर बम फेंके गये. पुलिस पर बम व पत्थर फेंके जाये और पुलिस नरमी से पेश आये. ऐसा नहीं होता है. कानून व्यवस्था को ठीक रखना ही पुलिस की ड्यूटी है.
सीनियर पुलिस अधिकारी, हावड़ा सिटी पुलिस.

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