कोलकाता : विशेष सीबीआई अदालत ने निलंबित आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा कोनारदा स्टिंग टेप मामले में इस आधार पर जमानत प्रदान कर दी कि उनका पुत्र बीमार है और यह कि वह 55 दिनों से हिरासत में हैं. यह जानकारी उनके वकील ने गुरुवार को दी. विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश अनुपम मुखोपाध्याय ने जमानत अर्जी इस शर्त पर मंजूर की कि वह अदालत की अनुमति के बिना पश्चिम बंगाल छोड़कर नहीं जायेंगे.
न्यायाधीश ने साथ ही उनसे कहा कि वह सप्ताह में एक बार जांच अधिकारी से मिलें. मिर्जा के वकील श्यामल घोष ने कहा कि अदालत ने अर्जी पर बुधवार को सुनवाई की और निलंबित अधिकारी को उनके बेटे के खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दे दी. अदालत ने निर्देश दिया कि मामले पर 26 नवंबर को फिर से सुनवाई होगी.
घोष ने अदालत के समक्ष कहा कि मिर्जा 55 दिनों से हिरासत में हैं और उन्होंने मामले में सीबीआई से उसकी जांच में सहयोग किया. न्यायाधीश मुखोपाध्याय ने गत 13 नवंबर को मिर्जा की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और उनकी न्यायिक हिरासत 26 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी. मिर्जा बर्दवान जिले के पुलिस अधीक्षक थे जब नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल्स ने स्टिंग ऑपरेशन किया था.
नारदा टेप 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सामने आये थे. इसमें तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मिर्जा जैसे दिखने वाले व्यक्ति एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर रिश्वत के पैसे स्वीकार करते दिखे थे.