कोलकाता : पश्चिम बंगाल के टाला ब्रिज को गिरा दिया जाये या विशेषज्ञों की राय के अनुरूप तय समय में फिर से इसके ढांचे को मजबूत बनाया जाये, इसका फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
मुंबई की एक टीम ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सौंपी रिपोर्ट में 57 वर्ष पुराने पुल को गिराकर पुनः इसका निर्माण करवाने की सलाह दी गयी है. परामर्शदातृ संस्था राइट्स द्वारा पूर्व में सौंपी गयी रिपोर्ट को यह रिपोर्ट सही साबित करती है.
अधिकारी ने बताया कि मुंबई स्थित फर्म ने टाला ब्रिज पर सुझावों समेत अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और मुख्यमंत्री 12 अक्टूबर को इस पुल के भाग्य पर चर्चा करेंगी और उपलब्ध सर्वोत्तम विकल्प पर फैसला लेंगी. सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस तथा प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुल को गिराकर नया बनाने और मरम्मत करवाने के विकल्पों पर चर्चा की है.
अधिकारी ने बताया कि नया पुल बनाने में लगने वाले खर्च और सामग्री पर भी चर्चा की गयी है. टाला ब्रिज उत्तर 24 परगना की ओर से शहर में प्रवेश के लिए मुख्य मार्गों में से एक है. ऐसी जानकारी मिली थी कि 625 मीटर लंबे पुल को गिराने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा पुलिस को कार, बस और माल ढोने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये थे.
दुर्गा पूजा महोत्सव से ठीक पहले बसों और तीन टन से अधिक भारी वाहनों को पुल से न गुजरने के आदेश दिये गये थे. तीन टन से हल्के वाहनों को 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर ही गुजरने की अनुमति दी गयी थी.
राज्य सरकार ने रेलवे के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया है, ताकि दायित्वों के निर्वहन में उलझन की स्थिति उत्पन्न न हो और मरम्मत कार्यों में बाधा न आये. अधिकारी ने बताया कि सहमति पत्र पर 25 अक्टूबर तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.