कल्याणी : नदिया जिले के शांतिपुर के मशहूर कलाकार सुधीर कुमार पाल को उम्र भी उनकी कला को पूरा करने से नहीं रोक पायी. 70 साल की उम्र होने के बावजूद उन्होंने मूर्तियों को आकार देेने की कला को जारी रखा है. मूर्तियां बनाने के अलावा सुधीर बाबू ने कई मॉडल बनाये हैं. इन मॉडल को बनाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
वर्ष 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सुधीर बाबू मूल रूप से प्लास्टर ऑफ पेरिस, मिट्टी, सीमेंट, धातु, फाइबर ग्लास पर किसी भी तरह की मूर्ति बनाने में सक्षम हैं. सुधीर बाबू ने बताया कि वह चित्रों को देखकर एक मूर्ति बना सकते हैं. शांतिपुर शहर के सड़कों और पार्कों में ज्यादातर मूर्तियां सुधीर कुमार पाल द्वारा बनायी गयी हैं. रवींद्रनाथ, नेताजी से लेकर विवेकानंद तक सभी महापुरुषों की मूर्तियां बनायी हैं.
इसके अलावा हर साल राणाघाट के पूजा पंडालों में उनके द्वारा बनायी गयी मूर्तियों को ही रखा जाता है. उम्र बढ़ने के साथ सुधीर बाबू अब दुर्गा की मूर्ति कम बनाते हैं. हालांकि, पुराने ग्राहकों के अनुरोध पर अभी भी एक वर्ष में 12-16 दुर्गा की मूर्तियां बनाते हैं.