कोलकाता : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने गुरुवार को नारद स्टिंग मामले में सीनियर आइपीएस अफसर एसएमएच मिर्जा को गिरफ्तार कर लिया. मिर्जा शहर के निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ दफ्तर में पूछताछ के सिलसिले में जांच एजेंसी के सामने हाजिर हुए थे. मामले में संतोषजनक जवाब न मिलने पर सीबीआइ ने मिर्जा को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें बैंकशाल कोर्ट में सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने मिर्जा को 30 सितंबर तक सीबीआइ हिरासत में भेज दिया. सीबीआइ ने उन्हें निजाम पैलेस में अपनी हिरासत में रखा है. नारद स्टिंग मामले में यह पहली गिरफ्तारी है.
सीबीआइ के मुताबिक, मिर्जा को निजाम पैलेस में पूछताछ के लिए सुबह साढ़े ग्यारह बजे बुलाया गया था. पूछताछ के बाद दोपहर एक बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा: पहले भी हमने, उनसे (मिर्जा से) कई मौकों पर पूछताछ की है. आज, हमने एक और दौर की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. नारद टेप प्रकरण में वह एक मुख्य कड़ी हैं. तृणमूल कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों सहित 13 लोगों में यह आइपीएस अधिकारी भी शामिल हैं जिन्हें पूछताछ के लिए सीबीआइ ने तलब किया और प्रकरण की जांच के सिलसिले में जिनकी आवाज के नमूनों की जांच की गयी. मिर्जा उस वक्त बर्दवान जिले के पुलिस अधीक्षक थे, जब नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल्स ने ‘स्टिंग ऑपरेशन’ किया था.
गौरतलब है कि 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले जारी किये गये वीडियो फुटेज में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं जैसे दिखने वाले व्यक्ति और मिर्जा एक फर्जी कंपनी को लाभ पहुंचाने के एवज में उसके प्रतिनिधियों से रुपये लेते देखे गये थे. आइपीएस अधिकारी एक वीडियो क्लिप में एक कारोबारी से कथित तौर पर पांच लाख रुपये नकद लेते दिखे थे. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक उनकी आवाज के नमूनों का मिलान भी टेप से हो गया. जांच एजेंसी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मिर्जा से अतीत में आठ बार पूछताछ की गयी लेकिन वह असल में सहयोग नहीं कर रहे थे. हमारे पास उनके खिलाफ प्रचुर साक्ष्य हैं.
इनके खिलाफ चल रही है जांच
नारद स्टिंग के वीडियो क्लिप में आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा समेत 13 लोगों को कथित तौर पर एक फर्जी कंपनी को मदद पहुंचाने की एवज में रुपये लेते हुए देखा गया. इनमें वरिष्ठ तृणमूल नेता मदन मित्रा, पूर्व राज्यसभा सांसद मुकुल राय, सौगत राय, सुल्तान अहमद, इकबाल अहमद, काकोली घोष दस्तिदार, प्रसून बनर्जी, शुभेंदू अधिकारी, पूर्व मेयर शोभन चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, अपरूपा पोद्दार और आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा शामिल हैं. सुल्तान अहमद का निधन हो चुका है.
सीबीआइ ने मुकुल राय को किया तलब
सीबीआइ ने नारद स्टिंग मामले में भाजपा नेता मुकुल राय को पूछताछ के लिए तलब किया है. राय को शुक्रवार को निजाम पैलेस स्थित जांच एजेंसी के दफ्तर में हाजिर होने के लिए कहा गया है. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, निजाम पैलेस में मुकुल राय को नारदा स्टिंग मामले में ही पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आइपीएस मिर्जा और मुकुल राय को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की संभावना है. सीबीआइ का दावा है कि मिर्जा पूछताछ में कई तथ्यों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहे हैं.
क्या है नारद स्टिंग मामला
न्यूज पोर्टल नारद के प्रमुख मैथ्यू सैमुअल्स ने एक स्टिंग ऑपरेशन चलाया था. सैमुअल्स ने 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले कुछ वीडियो क्लिप जारी किये. इसमें सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं जैसे दिखते लोग कथित तौर पर एक फर्जी कंपनी को मदद पहुंचाने की एवज में धनराशि लेते हुए देखे गये थे. वीडियो क्लिप में कथित तौर पर आइपीएस अफसर एसएमएच मिर्जा भी नजर आये थे. उस वक्त मिर्जा बर्दवान के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात थे. यह स्टिंग ऑपरेशन 2014 में चलाया गया था, हालांकि वीडियो क्लिप 2016 में बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले नजर आया. इससे उस समय राज्य की राजनीति में भूचाल सा आ गया. हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की. सीबीआइ ने प्राथमिक जांच के बाद तृणमूल के उस समय के राज्यसभा सांसद और अब भाजपा नेता मुकुल राय, लोकसभा सांसद सौगत राय और पूर्व विधायक मदन मित्रा समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया.