कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत एक माह के अंदर दूसरी बार 19 सितंबर को कोलकाता आ रहे हैं. यहां 22 सितंबर तक चार दिवसीय प्रवास के दौरान आरएसएस के प्रांतों : उत्तर बंगाल, दक्षिण बंगाल, सिक्किम, पूर्व ओड़िशा और पश्चिम ओड़िशा के प्रांत पदाधकारियों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में मंडल स्तर तक शाखा विस्तार, आरएसएस की सामाजिक भूमिका, सीमावर्ती इलाकों में जनसंख्या के बदले स्वरूप, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने, एनआरसी सहित पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ इन राज्यों में भाजपा की वर्तमान स्थिति को लेकर चर्चा होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि लगभग एक सप्ताह पहले ही भागवत 31 अगस्त से दो सितंबर तक कोलकाता में थे. इस दौरान उन्होंने बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात की थी. इसके साथ ही दक्षिण बंगाल के प्रांत कार्यवाह डॉ जिष्णु बसु के आवास पर विशिष्ट वैज्ञानिकों के साथ भी मुलाकात की थी. इस मुलाकात का उद्देश्य आरएसएस के समाज निर्माण में भूमिका व नागरिकों के योगदान के संबंध में अवगत कराना था.
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि संघ ने 2021 तक प्रत्येक मंडल में शाखा खोलने का लक्ष्य रखा है. आरएसएस प्रमुख के साथ बैठक में शाखा के विस्तार की रणनीति पर चर्चा होगी. इसके साथ ही सामाजिक कार्यों के माध्यम से घर-घर पहुंचने का कार्यक्रम लिया जायेगा. बच्चों की शिक्षा पर विशेष जोर दिया जायेगा, ताकि उनमें राष्ट्रवाद की भावना विकसित की जा सके.
भागवत के कोलकाता प्रवास के दौरान प्रदेश भाजपा में सांगठनिक फेरबदल पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष, महासचिव व केंद्रीय प्रभारी कैलास विजयवर्गीय, सह प्रभारी अरविंद मेनन व शिवप्रकाश जी, प्रदेश भाजपा के सांगठनिक महासचिव सुब्रत चटर्जी के साथ संघ प्रमुख की बैठक होने की संभावना है. इस बैठक में 2021 में विधानसभा चुनाव में जीत की रणनीति तय की जायेगी. आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार 14-15 सितंबर को आरएसएस के दक्षिण बंगाल प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक होगी. उल्लेखनीय है कि हाल में जलधर महतो को दक्षिण बंगाल का प्रांत प्रमुख बनाया गया है. भागवत की प्रस्तावित बैठक को लेकर समीक्षा बैठक होगी तथा प्रांत अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देगा.