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बनगांव नगरपालिका में नये सिरे से अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्देश

12 दिनों के अंदर जिलाधिकारी की निगरानी में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पूरी करनी होगी कोर्ट ने जिला पुलिस अधीक्षक से कहा अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होनेवाले सभी पार्षदों को पूरी सुरक्षा प्रदान करें कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक बार फिर उत्तर 24 परगना की बनगांव नगरपालिका के चेयरमैन शंकर आढ्य के खिलाफ अविश्वास […]

12 दिनों के अंदर जिलाधिकारी की निगरानी में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पूरी करनी होगी

कोर्ट ने जिला पुलिस अधीक्षक से कहा अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होनेवाले सभी पार्षदों को पूरी सुरक्षा प्रदान करें
कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक बार फिर उत्तर 24 परगना की बनगांव नगरपालिका के चेयरमैन शंकर आढ्य के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया है. सोमवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी ने दिया. उक्त आदेश जारी करते हुए उन्होंने उत्तर 24 परगना के जिला अधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने को कहा है. अदालत के आदेश में कहा गया है कि आगामी 12 दिनों के अंदर अविश्वास प्रस्ताव की पूरी कार्यवाही पूरी करनी होगी.
इसके साथ ही न्यायाधीश समाप्ति चटर्जी ने उत्तर 24 परगना के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि बनगांव नगरपालिका के जो पार्षद अविश्वास प्रस्ताव में भाग लेना चाहेंगे उनको पूरी सुरक्षा प्रदान की जाये. इसके साथ ही न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद जब तक नया बोर्ड गठन नहीं हो जाता तब तक नगरपालिका के प्रतिदिन का कार्य प्रशासक या फिर एक्जीक्यूटिव अधिकारी की देखरेख में होगा.
उल्लेखनीय है कि बनगांव नगरपालिका के विपक्षी दल के 12 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में दायर मामले में अदालत ने 11 जुलाई को आदेश दिया था कि पार्षद अविश्वास प्रस्ताव ला सकेंगे.
अदालत की अनुमति के बाद 16 जुलाई को बनगांव नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन इस दिन पक्ष और विपक्ष की ओर से जमकर हिंसा हुई, जिसके बाद 18 जुलाई को एक बार फिर विपक्षी दल भाजपा के पार्षद अदालत की शरण में गये.
भाजपा पार्षदों का आरोप था कि सत्तारूढ़ दल के लोगों ने उन्हें जबरन अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने नहीं दिया. पुलिस दर्शक की भूमिका में रही. इसके साथ ही भाजपा पार्षदों का आरोप था कि अदालत ने केवल विरोधी दल के पार्षदों को ही वोट करने का निर्देश दिया था, जबकि शासक दल के पार्षदों के लिए यह आदेश नहीं था. किंतु उसके बाद भी उन्हें वोटिंग में हिस्सा लेने नहीं दिया गया. भाजपा पार्षदों का कहना है कि उनके साथ 11 पार्षद हैं, जबकि सत्ता पक्ष की तरफ मात्र 10 पार्षद ही हैं.
उक्त मामले में राज्य सरकार का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही अदालत के दिशानिर्देश को मानते हुए नियम व कानून के साथ अपराह्न 3.40 पर संपन्न हुई थी. इसमें से दस पार्षदों ने मतदान प्रक्रिया में भाग लेते हुए वर्तमान चेयरमैन के प्रति अपना विश्वास जताया था. सोमवार को नये आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वर्तमान चेयरमैन शंकर आढ्य ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के अपने आदेश की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है. हालांकि इससे वह विचलित होने वाले नहीं.

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