।। अजय विद्यार्थी ।।
अभी तक दीदी बोलते रहती थी और लोग सुनते रहते थे. अब लोग दीदी से कट मनी वापस करने की मांग करेंगे. लोगों ने कट मनी को भूला नहीं है. लोग ममता दी की सरकार की तुष्टिकरणकी नीति और अत्याचार को भूले नहीं हैं, अब ममता जी खुद को प्रोग्रेसिव दिखाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के अत्याचार से राज्य के लोग क्षुब्ध हैं और कहने लगे हैं कि इससे अच्छा तो माकपा का राज था.
लोकसभा चुनाव में राज्य की जनता ने अपना विश्वास जता दिया है. राज्य की जनता ने मन बना लिया है. अब ‘दीदी को बोलो’ से कोई फर्क नहीं पड़ता है. यह केवल लोगों को बहलाने की कोशिश है.