वामो ने अधिवेशन में पानी की बर्बादी पर रखा प्रस्ताव
मेयर ने कहा : बड़े आवासनों का सर्वे करेगा कोलकाता नगर निगम
कोलकाता : एक तरफ कोलकाता के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं, तो दूसरी ओर हजारों लीटर पानी प्रशासनिक लापरवाही से हर रोज बर्बाद होता है. इस मुद्दे पर चार जून को प्रभात खबर ने सोरकार पेज पर एक विस्तृत खबर प्रकाशिक किया था, जिसका असर निगम के मासिक अधिवेशन में देखने को मिला.
वाममोरचा ने गंभीरता से पानी की बर्बादी को लेकर प्रस्ताव रखा. वामो पार्षद (99) देवाशीष मुखर्जी का कहना है कि एक ओर दक्षिण कोलकाता जल संकट से जूझ रहा है. तो वहीं उत्तर कोलकाता समेत कई इलाकों में पानी को बर्बाद कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कोलकाता में प्रति व्यक्ति 150 लीटर पानी की आवश्यकता है, जबकि उत्तर कोलकाता में प्रति व्यक्ति औसतन 800 लीटर पानी मिलता है. वहीं दक्षिण कोलकाता के लोगों को 150 लीटर से भी कम पानी मिलता है. श्री मुखर्जी ने कहा कि निगम के वाटर स्टैंड पोस्ट (नलकूप) में टोटी न होने के कारण प्रतिदिन सकैड़ों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है.
निगम में वाममोरचा के नेता रत्ना राय मजूमदार ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि वह खुद कई बार लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर चुकी हैं. लेकिन लोग नलों की टोटी को खोल कर फेंक देते हैं या चुरा लेते हैं. इस विषय पर हमें गंभीरता के साथ विचार करना होगा, ताकि नलों में टोटी लगे और पानी की बर्बादी ना हो. उन्होंने कहा कि महानगर के विभिन्न बड़े आवासनों में पानी का न केवल अधिक इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि इन आवासनों में पानी की बर्बादी भी होती है. वहीं बस्ती में रहनेवाले लोगों को पानी नहीं मिलता है. इस पर भी निगम को ध्यान रखा चाहिए.
उन्होंने कहा पर्यावरण की रक्षा हेतु हमें अंडर ग्राउंड वाटर का इस्तेमाल कम करना होगा और निगम यह जानकारी हासिल करे कि बड़े आवासनों में डीप ट्यूबवेल की संख्या कितनी है? रत्ना ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा नमामि गंगे प्रोजेक्ट केवल दिखावा है. गंगा की सफाई नहीं हो रही है. गंगा को बचाये रखने के लिए ठीक तरह से ड्रेजिंग होना जरूरी है. गंगा को बचाने के लिए हम सभी पार्षदों को एक साथ मिल कर आंदोलन करना चाहिए.