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फीस के नाम पर हो रही है मनमानी, पढ़ें खास रिपोर्ट

राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) 2009 के तहत सभी बच्चों के लिए फ्री एंड कम्पलसरी एजुकेशन का प्रावधान रखा गया है. इसमें बच्चों को कक्षा एक से आठवीं तक निःशुल्क शिक्षा पाने का अधिकार है. नियमानुसार स्कूल उनसे बताैर फीस मात्र 240 रुपये सालाना ले सकते हैं. कोलकाता के कुछ सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल तय […]

राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) 2009 के तहत सभी बच्चों के लिए फ्री एंड कम्पलसरी एजुकेशन का प्रावधान रखा गया है. इसमें बच्चों को कक्षा एक से आठवीं तक निःशुल्क शिक्षा पाने का अधिकार है. नियमानुसार स्कूल उनसे बताैर फीस मात्र 240 रुपये सालाना ले सकते हैं. कोलकाता के कुछ सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल तय राशि से अधिक फीस ले रहे हैं.कक्षा 11वीं के दाखिले के लिए फीस के रूप में स्कूलों द्वारा काफी राशि लिये जाने की शिकायतें अभिभावकों ने की है. कम आय वाले परिवारों की की शिकायत है कि कक्षा ग्यारहवीं में एडमिशन के दाैरान स्कूल निर्धारित फीस से काफी अधिक राशि ले रहे हैं. इसकी पड़ताल के लिए कुछ स्कूलों का दाैरा किया गया. पेश है, इस मसले पर भारती जैनानी की रिपोर्ट :

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के स्कूल शिक्षा निदेशालय (विकास भवन, 7वां तल, साॅल्टलेक) की ओर से 30 मई, 2019 को जारी किये गये सेंट्रलाइज्ड एडमिशन नोटिस में यह साफ ताैर पर कहा गया है कि कक्षा 11वीं के लिए राज्य के सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल मात्र 250 रुपये सालाना फीस ले सकते हैं, इसके बावजूद कई स्कूल मनमाने तरीके से 1000 से लेकर 6,000 रुपये तक फीस ले रहे हैं. ताज्जुब की बात यह है कि कुछ स्कूल बच्चों के अभिभावकों को पूरी राशि की रसीद भी नहीं दे रहे हैं. रसीद के नाम पर एक, दो या तीन रसीद काटी जा रही है.
अभिभावकों की शिकायत है कि सरकारी स्कूल होने के बावजूद 11वीं में काफी ज्यादा फीस ली जा रही है. इस मामले में हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि तय फीस से ज्यादा फीस कोई नहीं ले सकता है. लिखित शिकायत मिलने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. कमिश्नर ऑफ स्कूल एजुकेशन (पश्चिम बंगाल) डॉ. साैमित्र मोहन (आइएएस) ने कहा कि कक्षा 11वीं में एडेड व स्पोन्सर्ड स्कूल सालाना मात्र 250 रुपये फीस ही ले सकते हैं.
इससे ज्यादा फीस लेना वैध नहीं है. इस बारे में डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स, चिन्मय सरकार व समग्र शिक्षा मिशन के चेयरमैन कार्तिक मन्ना का कहना है कि चाहे सरकारी स्कूल हो, गवर्नमेंट स्पोंसर्ड हो, अनुदान प्राप्त स्कूल हो,सभी के लिए फीस का फाॅर्मूला समान रूप से लागू होता है. फीस में गड़बड़ी को लेकर कुछ स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये गये हैं लेकिन अभी भी कुछ स्कूल फीस के मामले में अपनी मनमानी कर रहे हैं. इनकी लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. ज्ञान की पाठशालाओं में शिक्षा के नाम पर चल रहे इस कारोबार की हकीकत जानने के लिए कुछ हिंदी मीडियम व बंगला मीडियम सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों की पड़ताल की गयी तो पता चला कि कोलकाता के काफी स्कूल निर्धारित फीस से ज्यादा ले रहे हैं.
कुछ अभिभावकों व शिक्षकों ने यह शिकायत की है कि अलीपुर टकसाल विद्यापीठ (ब्वायज), अलीपुर टकसाल विद्यापीठ फॉर गल्स, संघमित्रा विद्यालय (साउथ ईस्टर्न रेलवे कॉलोनी, बीएनआर) आदर्श हिंदी हाइ स्कूल (भवानीपुर), आदर्श हिंदी स्कूल खिदिरपुर, आदर्श स्कूल, श्यामबाजार, आर्य परिषद विद्यालय (एचएस, कोएड, बीएनआर), मनसतला लेन स्थित लाजपत हिंदी हाइ स्कूल, खन्ना हाइ स्कूल (गाैरीपाड़ा रोड) जैसे स्कूलों में 11वीं में 3,000 रुपये से लेकर 4,500 रुपये फीस के रूप में लिये गये हैं. इनके अलावा कई अन्य स्कूलों द्वारा भी ज्यादा फीस लिये जाने की शिकायत मिली है.
पश्चिम बंगाल सरकार के स्कूल शिक्षा निदेशालय (विकास भवन, 7वां तल, साॅल्टलेक) की ओर से 30 मई, 2019 को जारी किये गये सेंट्रलाइज्ड एडमिशन नोटिस में यह साफ ताैर पर कहा गया है कि कक्षा 11वीं के लिए राज्य के सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल मात्र 250 रुपये सालाना फीस ले सकते हैं, इसके बावजूद कई स्कूल मनमाने तरीके से 1000 से लेकर 6,000 रुपये तक फीस ले रहे हैं. ताज्जुब की बात यह है कि कुछ स्कूल बच्चों के अभिभावकों को पूरी राशि की रसीद भी नहीं दे रहे हैं. रसीद के नाम पर एक, दो या तीन रसीद काटी जा रही है. अभिभावकों की शिकायत है कि सरकारी स्कूल होने के बावजूद 11वीं में काफी ज्यादा फीस ली जा रही है. इस मामले में हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि तय फीस से ज्यादा फीस कोई नहीं ले सकता है. लिखित शिकायत मिलने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कमिश्नर ऑफ स्कूल एजुकेशन (पश्चिम बंगाल) डॉ. साैमित्र मोहन (आइएएस) ने कहा कि कक्षा 11वीं में एडेड व स्पोन्सर्ड स्कूल सालाना मात्र 250 रुपये फीस ही ले सकते हैं. इससे ज्यादा फीस लेना वैध नहीं है. इस बारे में डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स, चिन्मय सरकार व समग्र शिक्षा मिशन के चेयरमैन कार्तिक मन्ना का कहना है कि चाहे सरकारी स्कूल हो, गवर्नमेंट स्पोंसर्ड हो, अनुदान प्राप्त स्कूल हो, सभी के लिए फीस का फाॅर्मूला समान रूप से लागू होता है.
फीस में गड़बड़ी को लेकर कुछ स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये गये हैं लेकिन अभी भी कुछ स्कूल फीस के मामले में अपनी मनमानी कर रहे हैं. इनकी लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. ज्ञान की पाठशालाओं में शिक्षा के नाम पर चल रहे इस कारोबार की हकीकत जानने के लिए कुछ हिंदी मीडियम व बंगला मीडियम सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों की पड़ताल की गयी तो पता चला कि कोलकाता के काफी स्कूल निर्धारित फीस से ज्यादा ले रहे हैं.
कुछ अभिभावकों व शिक्षकों ने यह शिकायत की है कि अलीपुर टकसाल विद्यापीठ (ब्वायज), अलीपुर टकसाल विद्यापीठ फॉर गल्स, संघमित्रा विद्यालय (साउथ ईस्टर्न रेलवे कॉलोनी, बीएनआर) आदर्श हिंदी हाइ स्कूल (भवानीपुर), आदर्श हिंदी स्कूल खिदिरपुर, आदर्श स्कूल, श्यामबाजार, आर्य परिषद विद्यालय (एचएस, कोएड, बीएनआर), मनसतला लेन स्थित लाजपत हिंदी हाइ स्कूल, खन्ना हाइ स्कूल (गाैरीपाड़ा रोड) जैसे स्कूलों में 11वीं में 3,000 रुपये से लेकर 4,500 रुपये फीस के रूप में लिये गये हैं. इनके अलावा कई अन्य स्कूलों द्वारा भी ज्यादा फीस लिये जाने की शिकायत मिली है.

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