पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन का उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा के सम्मान के साथ भारतीय संस्कृति से जोड़ना भी है
कोलकाता : विद्यार्थियों को आज हर क्षेत्र में बेहतर करते देखा जा रहा है. कुछ बच्चे समाज के लिए काम करने के इच्छुक होते हैं. ऐसे इच्छुक बच्चों को प्रशासनिक सेवा में जाने का प्रयास करना चाहिये, क्योंकि प्रशासन समाज के लिए काम करने के कई अवसर प्रदान करता है. ये बातें कार्यक्रम के प्रधान अतिथि आइएएस मनोज अग्रवाल ने शनिवार को पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से आयोजित ‘प्रतिभाशाली छात्र-छात्रा सम्मान समारोह 2019 में कहीं.
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक छात्र-छात्रों का मागदर्शन करने में उन्हें बहुत खुशी होगी. कार्यक्रम के प्रधान अतिथि आइपीएस विनीत गोयल ने कहा कि हर बच्चे में एक विशिष्ट प्रतिभा छिपी होती है, हमें उसे उभारने की आवश्यकता है. जिस कार्य को करने में वह दिलचस्पी लेते हैं. हमें उन्हें वही करने देना चाहिये. इससे वह अपने क्षेत्र में बेतहरीन करके दिखा पायेंगे. माता-पिता को हमेशा बच्चों की उनसे जुड़ी अपेक्षाओं का ध्यान रखना चाहिये, जिससे वह बच्चों से जुड़ कर उनके मन की बात आसानी से समझ सकें.
कार्यक्रम के प्रधान वक्ता व अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि आज बढ़ती प्रतिस्पर्धा के युग में बच्चों पर पढ़ाई का काफी दबाव देखने को मिल रहा है, जिससे बच्चे आत्महत्या की ओर अग्रसर हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा पद्धति भी ऐसी हो गयी है कि कम नंबर लाने वाले बच्चों को जल्दी कहीं एडमिशन नहीं मिलता. ऐसी परिस्थिति में शिक्षा पद्धति में मूलभूत परिवर्तन की आवश्यकता है. वरना आने वाली परिस्थिति काफी भयावह हो सकती है.
उन्होंने शुक्रवार को महानगर में एक टॉपर छात्रा कीर्तिका पॉल का उदाहरण देते हुए कहा कि वह बच्ची प्रतिस्पर्धा की होड़ का शिकार हो गयी. उन्होंने अपील की कि हमारे समाज के लोग कला, साहित्य, खेल इत्यादि में आगे बढ़नेवाले छात्रों को भी सम्मानित करें.
अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष संतोष सराफ ने कहा कि मारवाड़ी समाज के बच्चे परंपरागत व्यवसाय से हट कर अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रहे हैं. आज बेटियां बेटों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.
पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष नंद किशोर अग्रवाल ने कहा कि संस्था की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि बच्चे संस्कार और अपनी भाषा से जुड़ें.
उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनने के साथ-साथ हम अपने माता-पिता, गुरु और बड़ों का सम्मान करना भी सीखें.
इस अवसर पर उद्योगपति राम अवतार पोद्दार, उद्योगपति विश्वनाथ सेकसरिया, उद्योगपति बृजमोहन बेरीवाल, उद्योगपति शिवकुमार सराफ ने भी अपने वक्तव्य रखे.
कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट सहयोगा नंद किशोर पसारी (रेमंड पोद्दार कोर्ट), लक्ष्मीकांत तिवारी, गोपाल झुनझुनवाला, रतनलाल अग्रवाल, बृजमोहन गरोडिया, दीनदयाल गुप्ता, मनोज गुप्ता, राजकुमार गुप्ता को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के महामंत्री शिवकुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष विश्वनाथ खरकिया, निर्मल सराफ, प्रकाश चंडालिया, शिव कुमार सराफ, संगठन मंत्री गोपी धुवालिया, सहमंत्री कमल सरावगी, पंकज केडिया, कोषाध्यक्ष सुनील डोकानिया, सह कोषाध्यक्ष रूपक कुमार केडिया, सलाहकार विश्वनाथ भुवालका, संयोजक चंद्रशेखर सारडा, नितिन अग्रवाल, अभिषेक डोकानिया, विवेक अग्रवाल, मोहित अग्रवाल, राजन खंडेलवाल, सुजीत जलान, अनिल डालमिया, राजेश खेतान, कमल सरावगी, पारस अग्रवाल, राजन खंडेलवाल, संजय अग्रवाल, मनोज सराफ, दीपक खेतावत, महेंद्र सोनी, दिनेश अग्रवाल, नवीन सराफ, सुजीत जालान, मोहित अग्रवाल, विवेक अग्रवाल अमित अग्रवाल, बसंत गद्यान ने सक्रिय भूमिका निभायी.