31 मई को तंबाकू निषेध दिवस
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हर साल लंग्स कैंसर की चपेट में आते हैं 70 हजार भारतीय
31 मई को तंबाकू निषेध दिवस कोलकाता : धूम्रपान एक ऐसी लत है जो व्यक्ति को समय से पहले ही मौत के मुंह में पहुंचा देती है. तंबाकू सेवन सिर्फ शरीर के लिए ही हानिकारक नहीं बल्कि यह व्यक्ति की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर देता है. यूं तो तंबाकू का उपयोग पूरी दुनिया […]
कोलकाता : धूम्रपान एक ऐसी लत है जो व्यक्ति को समय से पहले ही मौत के मुंह में पहुंचा देती है. तंबाकू सेवन सिर्फ शरीर के लिए ही हानिकारक नहीं बल्कि यह व्यक्ति की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी कमजोर कर देता है. यूं तो तंबाकू का उपयोग पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि इसका कारोबार और उपयोग विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हर साल 1.2 मिलियन फेफड़ों के कैंसर के नये मामले सामने आते हैं.
इनमें 90 फीसदी मामलों में धूम्रपान को लंग्स कैंसर का जिम्मेवार माना जाता है. इस लत के कारण देश में लंग्स कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में हर साल करीब 70 हजार लोग लंग्स कैंसर की चपेट में आ जाते हैं. यह जानकारी एसएसकेएम (पीजी) के अंकोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कौशिक चटर्जी ने दी.
उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन होनेवाली बीमारी कैंसर के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. डॉ चटर्जी ने बताया कि तंबाकू के कारण न केवल लंग्स कैंसर बल्कि हृदय व श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियों के भी होने की संभावना बनी रहती है.
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