कोलकाता : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जहां राज्य का सियासी माहौल गरमा गया है, वहीं स्कूलों में बंगाल सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के लिए नये सिरे से एक पत्र भेजा गया है. मंगलवार को नवान्न से जारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र को डीआइ दफ्तर भेजा गया जिसे सभी स्कूलों में जारी कर […]
कोलकाता : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जहां राज्य का सियासी माहौल गरमा गया है, वहीं स्कूलों में बंगाल सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के लिए नये सिरे से एक पत्र भेजा गया है. मंगलवार को नवान्न से जारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र को डीआइ दफ्तर भेजा गया जिसे सभी स्कूलों में जारी कर दिया गया है.
इसे लेकर शिक्षक संगठनों में काफी असंतोष है. कुछ हेडमास्टरों का कहना है कि शैक्षणिक संस्थान, बच्चों के पढ़ने के लिए हैं, यहां किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस पत्र के साथ हेडमास्टरों को यह नोटिस दिया गया है कि यह पत्र बच्चों के अभिभावकों में वितरित किया जाये.
डीआइ की ओर से भेजे गये इस पत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हवाले से यह बताया गया है कि मई, 2011 में तृणमूल की सरकार बनने के बाद अब तक सरकार ने आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के लिए क्या-क्या सुविधाएं मुहैया करायी हैं. इसका लेखा-जोखा पत्र में है.
छात्र-छात्राएं शिक्षा के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ें, इसके लिए सरकार ने अपने बजट में प्रावधान किया है. अब आगे भी विकास के इस काम में सरकार को सहयोग दें. इस पत्र के साथ स्कूल के प्रमुख को यह पत्र अभिभावकों में वितरित करने व उसकी एक लिखित रिपोर्ट डीआइ के पास जमा करने को कहा गया है.
इसी को लेकर कुछ शिक्षक संगठन आपत्ति जता रहे हैं. उनका कहना है कि यह सरकार का एक चुनावी पैंतरा है, वह अपनी उपलब्धियों का बखान कर छात्रों व उनके अभिभावकों की सहानुभूति हासिल करना चाहती है. इस विषय में बंगीय शिक्षक-ओ-शिक्षा कर्मी समिति के सह सचिव सपन मंडल ने कहा कि शिक्षा प्रतिष्ठान कभी भी सरकार के प्रचार का केंद्र नहीं हो सकते हैं.
इस तरह के पत्र स्कूलों में भेजकर सरकार अपने चुनाव का प्रचार शिक्षकों व विद्यार्थियों के माध्यम से करवाना चाहती है, यह ठीक नहीं है. हम इसका प्रतिवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि हेडमास्टरों को इस पत्र के साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि वह यह पत्र बच्चों व उनके अभिभावकों में वितरित करने के बाद उसकी फोटो व रिपोर्ट सर्व शिक्षा मिशन के डीपीओ व डीआइ के पास भेजें, जिससे यह सुनिश्चित हो जाये कि यह पत्र सही तरीके से अभिभावकों के बीच वितरित किया गया है, जो उचित नहीं है. वहीं सेकेंडरी टीचर्स एंड एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव विश्वजीत मित्रा का कहना है कि हम इस नोटिस की हम तीव्र निंदा करते हैं.