कोलकाता : प्रदेश के वंचित प्राइमरी शिक्षक के परीक्षार्थियों के साथ खड़ी है भाजपा. लंबी लड़ाई से यह परीक्षार्थी थक गए हैं. कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वह लोग उम्मीद की किरण दिखी थी. फैसले में कहा गया था कि पीटीटी की ट्रेनिंग लेने वालों को अतिरिक्त नंबर दिया जाएगा. इससे उनको […]
कोलकाता : प्रदेश के वंचित प्राइमरी शिक्षक के परीक्षार्थियों के साथ खड़ी है भाजपा. लंबी लड़ाई से यह परीक्षार्थी थक गए हैं. कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वह लोग उम्मीद की किरण दिखी थी. फैसले में कहा गया था कि पीटीटी की ट्रेनिंग लेने वालों को अतिरिक्त नंबर दिया जाएगा.
इससे उनको नौकरी पाने में सहुलियत होगी लेकिन राज्य सरकार के उदासीन रवैये के कारण यह लोग मायूस हैं. लिहाजा भाजपा इस मुद्दे को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के सामने लाने जा रही है.
भाजपा लोकसभा के पहले ऐसा करके प्राइमरी शिक्षकों व भावी शिक्षकों को अपने पाले में करना चाह रही है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में फैसला शिक्षार्थियों के पक्ष में गया है. साल 2006 में राज्य सरकार ने नये नियम का एलान किया था. उसके तहत प्रशिक्षण लेने वाले परीक्षार्थियों को अतिरिक्त नंबर नहीं दिया जाएगा. इसके खिलाफ परीक्षार्थी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
हाईकोर्ट भी परीक्षार्थियों के हक में फैसला दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी थी. मामले की सुनवाई के दौरान 2015 में राज्य सरकार खुद को मामले से अलग कर लिया. भाजपा शिक्षक सेल के इंचार्ज सब्साची घोष ने बताया कि हमलोग 2004 से 20006 तक पास करने वाले सभी पीटीटी प्रशिक्षण लेने वाले अभ्याथिर्यों को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं.
क्योंकि उस वक्त की वाममोर्चा सरकार इन लोगों के जायज अधिकारों से वंचित किया है. कुल 800 परीक्षार्थी हैं और उनको नौकरी मिलेगी की नहीं यह तय करने का काम राज्य सरकार का है. भाजपा इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन करेगी.