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कोलकाता : क्या आप ऐसा हिंदुस्तान चाहते हैं, जिसमें डर वाजिब हो जाये : रवीश कुमार
हिंदुस्तान के अखबार महत्वपूर्ण घटकों को पहुंचाने में बेईमानी कर रहे हैं, जिससे वो हिंदी के पाठकों की हत्या व जनतंत्र की हत्या कर रहे कोलकाता : हिंदुस्तान में आज डर का माहौल व्याप्त है. बोलने की आजादी छीनी जा रही है. यदि कोई पत्रकार किसी नेता के विपक्ष में कुछ बोल देता है तो […]
हिंदुस्तान के अखबार महत्वपूर्ण घटकों को पहुंचाने में बेईमानी कर रहे हैं, जिससे वो हिंदी के पाठकों की हत्या व जनतंत्र की हत्या कर रहे
कोलकाता : हिंदुस्तान में आज डर का माहौल व्याप्त है. बोलने की आजादी छीनी जा रही है. यदि कोई पत्रकार किसी नेता के विपक्ष में कुछ बोल देता है तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है. उसे मारने की धमकियां दी जाती हैं. ये बातें रवीश कुमार ने शनिवार को ‘एपीजे कोलकाता लिटरेरी फेस्टिवल’ में एक परिचर्चा के दौरान कहीं.
उन्होंने वहां मौजूद पूरी जनता को आह्वान करते हुए कहा कि क्या आप ऐसे हिंदुस्तान चाहते हैं, जहां डर वाजिब हो? यदि नहीं तो आवाज उठाइये और यदि आवाज नहीं उठा सकते तो बोलने वालेे के साथ रहिए.
ये महत्व नहीं रखता कि आप किस पार्टी का समर्थन करते हैं, पर एक सत्य बोलने वाले पत्रकार का साथ दीजिए. यदि आप आज किसी पर होने वाले हमले में चुप रहेंगे तो अगला हमला आप पर हो सकता है. इसके लिए आपको तैयार रहना होगा.
मीटू अभियान को लेकर पूछे गये प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हिंदी मीडिया ने इस खबर को दबाया. हिंदी अखबार नारी पर पेज तो निकालते हैं, पर ‘नई नारी’ पेज निकालने वाले पुराने मर्द ही होते हैं, जो महिलाओं को पब्लिकली काम करने से रोकते हैं. मोदीजी पर उन्होंने कहा कि वो बहुत ज्यादा रैलियां करते हैैं और काम कम. ऐसे में देश का विकास विचारणीय है.
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