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मालदा : दृष्टिहीनता को धता बताकर चलाते हैं पान दुकान
मालदा : जन्म से ही उन्हें दिखता नहीं हैं. इसके बावजूद 45 वर्षीय विकास भास्कर पान की दुकान चलाकर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. विकलांग होने के बावजूद उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाये. ओल्ड मालदा नगरपालिका के 25 नंबर वार्ड के चैतन्य मोड़ इलाके में राज्य सड़क के किनारे उनकी […]
मालदा : जन्म से ही उन्हें दिखता नहीं हैं. इसके बावजूद 45 वर्षीय विकास भास्कर पान की दुकान चलाकर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. विकलांग होने के बावजूद उन्होंने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाये. ओल्ड मालदा नगरपालिका के 25 नंबर वार्ड के चैतन्य मोड़ इलाके में राज्य सड़क के किनारे उनकी पान दुकान है. वह 16 नंबर वार्ड के फुटानी मोड़ इलाके के निवासी हैं.
उन्हें विकलांगता प्रमाणपत्र तो मिला है, लेकिन सरकार से कोई भत्ता नहीं मिलता. आंखों से नहीं दिखने के बावजूद वह बड़ी कुशलता के साथ पान बनाते हैं.
विकास के परिवार में पत्नी और किशोर उम्र के दो बेटे हैं. उनकी पत्नी रोज सुबह पति को दुकान पर छोड़ जाती हैं. पूरा दिन दुकान चलाने के बाद वह फिर रात में पत्नी आकर उन्हें ले जाती हैं. इसबीच विकास अकेले ही चूना, सुपारी, विभिन्न मसाला, जर्दा के साथ पान बनाकर बेचते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 25 सालों में उन्हें इनसब की आदत हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि पैसे की तंगी तो है. दो बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने एक पक्की दुकान के लिए प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है.
ओल्ड मालदा के विधायक अर्जुन हालदार ने बताया कि दृष्टिहीन विकास भास्कर की समस्या के बारे में जानकारी मिली है. विधायक कोष से उनकी मदद की जायेगी. ओल्ड मालदा नगरपालिका चेयरमैन कार्तिक घोष ने बताया कि विकास को स्थायी दुकान देने के बारे में जल्द पहल की जायेगी.
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