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कोलकाता : भूपेन के आवास के अधिग्रहण को लेकर राजनीति शुरू, तृणमूल ने किया विरोध
भाजपा ने तृणमूल पर किया कटाक्ष कोलकाता : असम सरकार द्वारा महान संगीतज्ञ भूपेन हजारिका के कोलकाता स्थित तीन मंजिली इमारत का अधिग्रहण कर उसका पुनरुद्धार करने के निर्णय को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीति शुरू हो गयी है. तृणमूल कांग्रेस ने असम सरकार के फैसले का विरोध किया. वहीं, भाजपा ने असम सरकार के […]
भाजपा ने तृणमूल पर किया कटाक्ष
कोलकाता : असम सरकार द्वारा महान संगीतज्ञ भूपेन हजारिका के कोलकाता स्थित तीन मंजिली इमारत का अधिग्रहण कर उसका पुनरुद्धार करने के निर्णय को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीति शुरू हो गयी है. तृणमूल कांग्रेस ने असम सरकार के फैसले का विरोध किया.
वहीं, भाजपा ने असम सरकार के फैसले की सराहना करते हुए तृणमूल कांग्रेस पर कटाक्ष किया है. उल्लेखनीय है कि हजारिका लगभग चार दशक तक कोलकाता में इस अावास में रहे थे और संगीत की अपनी कई उत्कृष्ट कृतियां दुनिया को दी थी. असम सरकार ने घर खरीदकर उसे सांस्कृतिक केंद्र में बदलने का निर्णय किया है.
असम सरकार कोलकाता के गोल्फ क्लब रोड पर स्थित यह मकान एक करोड़ 70 लाख रूपये में यह घर खरीदेगी और इसके जीर्णोद्धार पर 25 लाख रुपये खर्च करेगी. गायक, कवि और फिल्म निर्माता भूपेन हजारिका असम से 1952 में कोलकाता चले गये थे.
वह इस तीन मंजिली इमारत में किरायेदार के तौर पर रहते थे और 1981 में उन्होंने इसे खरीद लिया था. हालांकि हजारिका ने 1990 के दशक के शुरुआत में मुंबई जाने से पहले उन्होंने इस घर को बेच दिया था.
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि असम की भाजपा सरकार पर अधिग्रहण की राजनीति कर रही है. जब तक हजारिका थे, उस समय तक भाजपा कहां थी? भूपेन हजारिका ने बांग्ला में जो गीत गाये, क्या भाजपा उन्हें मिटा पायेगी और उन्होंने जो सांप्रदायिक सौहार्द्र की बात कही थी, क्या भाजपा उसे मान रही है?
दूसरी ओर, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और उनकी सरकार ने देश की महान हस्तियों के लिए क्या किया है और अब जब असम सरकार भूपेन हजारिका के आवास को अधिग्रहण कर पुनरुद्धार करना चाहती है, तो तृणमूल कांग्रेस अड़ंगा लगा ही है. राज्य सरकार ने अब तक उनके आवास के पुनरुद्धार के लिए कुछ भी नहीं किया है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को असम सरकार के इस कार्य केे लिए प्रशंसा करनी चाहिए.
कोलकाता : इंडिया गेट पर लगे नेताजी की प्रतिमा : चंद्र
कोलकाता : स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदार ने राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा लगाने और उनके जन्मदिन 23 जनवरी को ‘मुक्ति दिवस’ घोषित करने की गुरुवार को मांग की.
इस मांग से महज एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था. इसे दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा समझा जाता है. स्टे्च्यू ऑफ यूनिटी नामक यह स्मारक गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के समीप बनाया गया है.
नेताजी के पोते और बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में राजग सरकार ने 31 अक्तूबर 2018 को सरदार वल्लभ पटेल की प्रतिमा का अनावरण कर और उस दिन को एकता दिवस के रूप में मनाकर अपना वादा पूरा किया.
23 जनवरी, 2019 को दिल्ली में इंडिया गेट पर ‘भारत के मुक्ति योद्धा’ की प्रतिमा का अनावरण करने और इस दिन को मुक्ति दिवस के रूप में घोषित करने की मांग उठ रही है. जब उनसे संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि इंडिया गेट के समीप प्रतिमा लगाना आजाद हिंद फौज और सेना के पुराने सैनिकों की मांग है.
सुभाष चंद्र बोस द्वारा आजाद हिंद फौज की घोषणा की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने 21 अक्तूबर को लालकिले में राष्ट्रध्वज फहराया था और एक पट्टिका का अनावरण किया था. ऐसा पहली बार हुआ कि प्रधानमंत्री ने साल में दूसरी बार ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया. पारंपरिक रूप से प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराते हैं
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