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जलपाईगुड़ी : चाय श्रमिकों को मिले बढ़ी मजदूरी : सीएम
जलपाईगुड़ी : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी के मेटली ब्लॉक के टियावन में आयोजित जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिलों की प्रशासनिक बैठक के दौरान बिजली विभाग के कामकाज पर असंतोष जताते हुए विभागीय सचिव और जिले के विद्युत अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि बार-बार बिजली खराब हो जाती है. […]
जलपाईगुड़ी : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी के मेटली ब्लॉक के टियावन में आयोजित जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिलों की प्रशासनिक बैठक के दौरान बिजली विभाग के कामकाज पर असंतोष जताते हुए विभागीय सचिव और जिले के विद्युत अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि बार-बार बिजली खराब हो जाती है.
टीलाबाड़ी रिसॉर्ट में उनके रहने के दौरान ही चार बार बिजली गयी. ऐसे कैसे चलेगा? उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. आखिर क्यों आम लोग तकलीफ भुगतें? टियावन में सरकारी समारोह संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री ने उसी मंच पर प्रशासनिक बैठक की.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जलपाईगुड़ी की डीएम शिल्पा गौरीसरिया और अलीपुरद्वार के डीएम निखिल निर्मल से अपने-अपने जिलों के चाय बागानों की स्थिति पर वक्तव्य रखने को कहा. दोनों जिलाधिकारियों ने बंद और बीमार चाय बागानों में किये जा रहे सरकारी कामों की जानकारी दी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में चाय बागानों में मजदूरी सौ रुपये बढ़ चुकी है. सभी चाय बागानों में 169 रुपये की बढ़ी हुई मजदूरी मिले, प्रशासन इसे सुनिश्चित करे.
मुख्यमंत्री ने बीते साल प्रशासनिक बैठक के दौरान मयनागुड़ी के रामसाई में पशुधन विकास एवं मत्स्य विश्वविद्यालय व अस्पताल की स्थापना की घोषणा की थी. बुधवार को बैठक में अधिकारियों ने इसके लिए 346 करोड़ रुपये की योजना पेश की.
यह सुनते ही मुख्यमंत्री भड़क उठीं. उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने में भी इतना खर्च नहीं लगता. उन्होंने परियोजना के खर्च को कम करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बेवजह के तामझाम की जरूरत नहीं है, साधारण ढंग का विश्वविद्यालय एवं अस्पताल तैयार करें. जिसने इतनी भारीभरकम रकम बनायी है, उसे कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है.
इस दौरान वन कानून तोड़ने पर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी का भी मामला उठा. धूपगुड़ी के इस व्यक्ति ने अपने घर में घुस आये तीन जहरीले सांपों को मार डाला था. इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छोटे अपराध की इतनी बड़ी सजा नहीं होनी चाहिए.
इस पर जलपाईगुड़ी की डीएफओ (वन्यप्राणी) निशा गोस्वामी ने कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है. इस पर सीएम ने कहा कि जब जांच चल रही है तो गिरफ्तार क्यों किया? मुख्यमंत्री ने जिले के एसपी अमिताभ माइती को भी फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी क्यों की गयी? इस पर एसपी ने जवाब दिया कि वन विभाग ने ही उस व्यक्ति को पकड़कर पुलिस को सौंपा. इस पर मुख्यमंत्री ने मामले को ठीक करने और ऐसे मामलों में किसी को प्रताड़ित नहीं करने का निर्देश दिया.
प्रशासनिक बैठक के दौरान अलीपुरद्वार और जयगांव में जमीन के पट्टे का भी मामला उठा. छह महीने बाद भी पट्टा नहीं बंटने पर उन्होंने भूमि एवं भूमि राजस्व विभाग के अधिकारियों को तुरंत काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने विभागीय सचिव और अलीपुरद्वार के विभागीय अधिकारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि देरी होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. जिस गति से आप लोग काम कर रहे हैं, उस गति से सौ साल लग जायेंगे.
राज्य के उद्योग विकास इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम के सचिव को मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा किन-किन उद्योगों में जमीन खाली पड़ी हुई है और किन उद्योगपतियों ने जमीन लेकर उसपर उद्योग नहीं लगाया है, इसे गंभीरतापूर्वक देखें.
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