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कोलकाता : मो अली पार्क में मौजूदा कमेटी के नेतृत्व में ही हो रही है पूजा

यूथ एसोसिएशन पर धारा 151 खारिज, लेकिन बाकी मामले बरकरार कोलकाता : यूथ एसोसिएशन द्वारा आयोजित मोहम्मद अली पार्क की पूजा अपने परंपरागत तरीके से तर्दथ कमेटी के नेतृत्व में संपन्न हो. यह राहत सिटी सिविल कोर्ट से आयोजकों को मिली है. साथ ही मामले पर अलग से आदेश देने के लिए दायर सीपीसी 151 […]

यूथ एसोसिएशन पर धारा 151 खारिज, लेकिन बाकी मामले बरकरार
कोलकाता : यूथ एसोसिएशन द्वारा आयोजित मोहम्मद अली पार्क की पूजा अपने परंपरागत तरीके से तर्दथ कमेटी के नेतृत्व में संपन्न हो. यह राहत सिटी सिविल कोर्ट से आयोजकों को मिली है. साथ ही मामले पर अलग से आदेश देने के लिए दायर सीपीसी 151 का मामला कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
यह जानकारी मोहम्मद अली पार्क सार्वजनिन दुर्गोत्सव के कार्यालय में शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कमेटी के पदाधिकारियों देवकीनंदन हेलिया, सुरेंद्र शर्मा, अशोक ओझा, पवन बंसल, प्रमोद चांडक व सज्जन सर्राफ ने दी. उन्होंने बताया कि इससे पहले न्यायाधीश ने 12 अक्तूबर को पूजा संपन्न कराने के लिए आयोजकों के समक्ष कुछ शर्तें रखीं थी, जिस पर सहमति जतायी गयी. अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट जो आदेश देगा उसे हम मानेंगे.
उल्लेखनीय है कि यूथ एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद सदस्यों ने फैसला लिया था कि किसी सम्मानित और गैर राजनीतिक व्यक्ति को पूजा कमेटी का चेयरमैन बनाया जायेगा. लिहाजा मनोज पोद्दार को नये चेयरमैन के रूप में मौजूदा कमेटी ने चयनित किया. इससे नाराज होकर कार्यवाहक अध्यक्ष रमेश लाखोटिया और अन्य ने मौजूदा कमेटी के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया.
नयी कमेटी को अवैध बताने के साथ-साथ पूजा स्थल पर लगी होर्डिंग को हटाने के लिए सीपीसी 151 के तहत एक और मामला भी दर्ज कराया गया था. कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए पूजा के आयोजन में किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कमेटी की वैधता संबंधी मामले पर सुनवाई के लिए समय तय किया है. अदालत द्वारा राहत मिलने से खुश मौजूदा कमेटी के चेयरमैन मनोज पोद्दार खुद मंडप में पहुंचे और कमेटी के अन्य सदस्यों का उत्साह बढ़ाया.
हालांकि अदालत द्वारा राहत मिलने की खबर पर जब रमेश लाखोटिया से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह पूजा के आयोजन पर कहीं भी रोक लगाने की बात नहीं कह रहे हैं.
मां दुर्गा की पूजा है और मां सबकी है, इसलिए पूजा पर रोक लगाने का सवाल ही नहीं उठता. उनकी लड़ाई कमेटी के पदाधिकारियों से है, जो गलत तरीके से कमेटी का गठन कर पूजा का आयोजन कर रहे हैं. मामला फिलहाल न्यायालय में है और उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है.

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