कोलकाता : चेतला के अग्रणी पंडाल में इस वर्ष जन्म से मृत्यु तक की प्रक्रिया पंडाल के दीवारों पर बनी कलाकारी द्वारा दर्शाया गया है. पंडाल में दाखिल होते ही भ्रूण में बच्चे के पलने की प्रक्रिया, विशाल महल के रूप में पंडाल है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि पूरे जीवनभर मनुष्य रुपयों को इकट्ठा करता है. बड़े घर की ख्वाहिश करता है, पर अंत में सभी को विसर्जित ही हो जाना होता है. यह दुर्गा मां की प्रतिमा के समक्ष तालाब की तरह संरचना बना कर दर्शाया गया है.
जहां पर शीशे के फ्रेम में दुर्गा यंत्र होगा. यह विषय आज के मानव सच को नजरंदाज कर हमेशा रुपयों, पद, प्रतिष्ठा की चिंता करने पर बनाया गया है, जिसके फलस्वरूप बहुत से दुर्गुणों (काम, क्रोध, मोह, लोभ) को हम अपने अंदर एकत्रित कर लेते हैं, पर अंतत: पछतावा ही होता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महालया के दिन प्रतिमा का चक्षु दान किया था तथा पंडाल दर्शनार्थियों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
चेतला अग्रणी क्लब, कोलकाता
1992 स्थापना
35 लाख बजट