19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संघ के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करेंगे प्रणब मुखर्जी !

कोलकाता : प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करने की खबर ने देश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है. सबसे ज्यादा परेशान कांग्रेस है. इस बात को बातचीत में व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता स्वीकार तो कर रहे हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से कतरा […]

कोलकाता : प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करने की खबर ने देश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है. सबसे ज्यादा परेशान कांग्रेस है. इस बात को बातचीत में व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता स्वीकार तो कर रहे हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.
हालांकि संघ की ओर से भी अभी इस तरह की खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है. कोलकाता के संघ मुख्यालय केशव भवन और ढाकुरिया में प्रणब मुखर्जी के घर में रहनेवाले लोग भी फिलहाल इस मामले पर खामोश हैं.
मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के तीसरे वर्ग के संघ शिक्षा वर्ग के 25 दिनों का चल रहा प्रशिक्षण सात जून को खत्म हो रहा है. यह प्रशिक्षण शिविर संघ के मुख्यालय नागपुर में हो रहा है. पूरे देश से चुने हुए 400 स्वंयसेवक इसमें हिस्सा ले रहे हैं. शिविर के समापन के मौके पर प्रथा के मुताबिक विशिष्ट अतिथि का संबोधन होते आया है.
इस बार यह आमंत्रण पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दिया गया है.
खबर है कि प्रणब मुखर्जी ने संघ का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है. ऐसे में लोगों की उत्सुकता इस बात को लेकर बनी हुई है. कांग्रेस की घोषित नीति के मुताबिक श्री मुखर्जी अपने राजनीतिक जीवन में संघ की कार्यपद्धति के कट्टर आलोचक रहे हैं. ऐसे में वह प्रशिक्षण प्राप्त स्वंयसेवको को अपने संबोधन में क्या कहेंगे. इंदिरा गांधी के बाद के दौर में प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में गिने जाते रहे हैं. कांग्रेस में उनकी गिनती थिंक टैंक के रूप में होती थी. ऐसे में सवाल उठता है कि संघ ने उन्हें क्यों आमंत्रित किया और प्रणब मुखर्जी ने आमंत्रण क्यों स्वीकार किया. अब अगर वह गये, तो अपने संबोधन में क्या कहेंगे.
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो उस वक्त उन्हें शपथ दिलानेवाले प्रणब मुखर्जी ही थे. जितने दिनों तक उनका कार्यकाल रहा, दोनों के बीच संबंध मधुर ही रहा.
तीन साल मोदी सरकार के कार्यकाल में एक बार भी टकराव की नौबत नहीं दिखी. इस दौरान कई ऐसे मौके आये कि प्रणब मुखर्जी मोदी सरकार की प्रशंसा करते नजर आये. इस बीच, संघ प्रमुख के साथ उनकी निकटता बढ़ने की खबर भी आने लगी. खुद प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में कई ऐसे फैसले लिये, जो कि देश के विपक्षी दलों के विरोध का सबब बना. लेकिन राष्ट्रपति ने उनकी तारीफ की. ऐसे में बदलते समीकरण के हिसाब से लोग प्रणब मुखर्जी के साथ संघ की निकटता को लेकर कयास लगा रहे हैं. इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ी है.
संघ शिक्षा वर्ग का 25 दिनों का चल रहा प्रशिक्षण सात जून को होगा खत्म
संघ के मुख्यालय नागपुर में देशभर के चुने हुए 400 स्वंयसेवक ले रहे हिस्सा
शिविर के समापन के मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किये गये हैं पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें