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ममता से मुलाकात के बाद बोले – नोटबंदी और जीएसटी पर दोनों के विचार समान

नये राजनीतिक समीकरण का इशारा मुंबई/कोलकाता : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरूवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ गुरूवार दोपहर ममता बनर्जी से मिलने दक्षिण मुंबई के एक होटल में पहुंचे, […]

नये राजनीतिक समीकरण का इशारा

मुंबई/कोलकाता : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरूवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ गुरूवार दोपहर ममता बनर्जी से मिलने दक्षिण मुंबई के एक होटल में पहुंचे, जहां तृणमूल सुप्रीमो ठहरी हुई हैं. दोनों के बीच हुई यह भेंट लगभग डेढ़ घंटे तक चली.

सूत्रों के अनुसार इस दौरान शिवसेना एवं तृणमूल प्रधान के बीच विभिन्न मुद्दों पर खुल कर बातचीत हुई. गौरतलब है कि बंगाल में निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से ममता बनर्जी तीन दिनों के सफर पर मुंबई गयी हुई हैं. शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस दोनों की नोटबंदी समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार के साथ अनबन चल रही है.

मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके बीच राजनीति पर बात नहीं हुई. साथ ही कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर उनके और ममता के विचार एकसमान हैं. ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, उनके साथ यह मेरी पहली बैठक थी. कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई लेकिन नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों पर हमारे विचार एकसमान हैं. इन मुद्दों पर हम दोनों बोलते रहे हैं. यह पहली बैठक थी, देखते हैं चीजें कैसे रूप लेती हैं. उन्होंने कहा कि दोनों ने बृहन्मुंबई नगर निगम और कोलकाता नगर निगम के बीच संभावित सिस्टर सिटीज पहल पर भी चर्चा की

राजनीतिक गलियारों में दोनों नेताओं की इस मुलाकात को एक अन्य नजरिये से देखा जा रहा है. नोटबंदी एवं जीएसटी के बाद देश के वर्तमान राजनीतिक वातावरण के बीच इस भेंट को एक नये राजनीतिक समीकरण के रूप में देखा जा रहा है. ममता बनर्जी भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रही हैं. हाल के दिनों में भाजपा और शिवसेना के रिश्तों में आयी खटास के बीच दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है.

गौरतलब है कि नोटबंदी के मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरने के प्रयास में शिवसेना भी तृणमूल कांग्रेस के साथ आ गयी थी. उद्धव ठाकरे ने पिछले वर्ष नवंबर में कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शरद पवार (एनसीपी प्रमुख) के साथ बैठक करने में कुछ गलत नहीं है तो शिवसेना यदि एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ममता बनर्जी के साथ बात करती है तो उसमें भी कुछ गलत नहीं होना चाहिए.

शिवसेना अध्यक्ष के साथ हुई मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा कि शिवसेना एक अलग राजनीतिक दल है, उसकी विचारधारा अलग है, पर एनडीए में होने के बावजूद शिवसेना केंद्र सरकार के गलत कामों की निंदा कर रही है. उद्धव ठाकरे आम लोगों की समस्या की बात कर अच्छा काम कर रहे हैं. तृणमूल सुप्रीमो ने महाराष्ट्र के लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने का भी आह्वान किया.

गत मंगलवार से शहर में मौजूद तृणमूल सुप्रीमो के शुक्रवार को कोलकाता लौटने की उम्मीद है. इससे पहले मंगलवार को मुंबई पहुंचने के फौरन बाद ममता ने रिलायंस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी से मुलाकात की थी और उन्हें जनवरी में होने वाले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट मे शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. बुधवार को ममता बनर्जी ने मुंबई में शीर्ष उद्योगपतियों और बैंकरों से भी मुलाकात की थी.

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